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गूगल ने प्लेस्टोर से हटाए 7 लाख ऐप, कहीं आपका फेवरेट ऐप भी तो नहीं?

कितनी बार आपने देखा होगा कि किसी ऑफिशियल ऐप के साथ उसके जैसी हूबहू दिखने वाली ऐप भी आपके प्ले स्टोर पर होती है

FP Staff

कितनी बार आपने देखा होगा कि किसी ऑफिशियल ऐप के साथ उसके जैसी हूबहू दिखने वाली ऐप भी आपके प्ले स्टोर पर होती है. इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए गूगल ने इन कॉपी ऐप्स को हटा दिया है. दरअसल गूगल ने अपने प्ले स्टोर से पिछले साल यानि 2017 में करीब 7 लाख ऐप्स हटा दिए है, जोकि साल 2016 के मुकाबले 70% ज्यादा है.

सूत्रों के मुताबिक, प्ले स्टोर की पॉलिसी के उल्लंघन करने के कारण गूगल ने इन ऐप्स को अपने प्ले स्टोर से हटा दिया है और इसके साथ ही गूगल ने ऐसे एक लाख डेवेलपर्स को भी अपने प्ले स्टोर से हटाया है, जोकि अश्लील और मैलवेयर वाले ऐप्स अपलोड करते थे. ये सभी ऐप्स गूगल की पालिसी के खिलाफ हैं और यूजर की प्राइवेसी के लिए भी खतरनाक है.


गूगल ने अपने ब्लॉग में लिखकर जानकारी दी है कि उनकी ओर से 2017 में हटाए जाने वाली ऐप्स की संख्या 2016 के मुकाबले कहीं ज्यादा है. पिछले साल गूगल ने बताया था कि कंपनी गूगल प्ले पर खराब ऐप्स को स्कैन करने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करती है. इतना ही नहीं मैलवेयर डिटेक्ट करने के लिए भी कंपनी ने स्ट्रैटजी बनाई है.

बहरहाल गूगल का कहना है की उसके यूजर्स को डरने की जरुरत नहीं है, क्योंकि वो खराब ऐप्स को पहचान कर हटा लेने में भी सक्षम है. गौरतलब है कि पिछले साल ही गूगल ने "गूगल प्ले प्रोटेक्ट" लॉन्च किया है. कंपनी के मुताबिक, यह 2 अरब डिवाइस में है और यह ऐप में छिपे मैलवेयर को स्कैन करने का काम करता है. आपको बता दें कि अपने एंड्रॉयड डेवलपर्स ब्लॉग में गूगल ने इम्पर्सोनेशन या कॉपी केट्स को गूगल प्ले स्टोर पर सबसे खतरनाक ऐप्स माना है. ये ऐप दिखने में किसी असली ऐप जैसे लगते हैं और यूजर उसे असली समझ कर धोखे से डाउनलोड कर लेते हैं.

प्ले प्रोटेक्ट दरअसल एंड्रॉयड में इंस्टॉल्ड ऐप्स को स्कैन करता है. बावजूद इन सब के आम तौर पर एंड्रॉयड प्ले स्टोर और ऐप्स के जरिए स्मार्टफोन्स में सबसे ज्यादा मालवेयर अटैक होता है. इन ऐप में से 99% अश्लील कन्टेंट वाले थे जिसे किसी के इंस्टॉल करने से पहले ही हटा लिया गया था.