3 जनवरी को गूगल डूडल भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फूले को उनके 186वें जन्मोत्सव पर याद कर रहा है.
डूडल में सावित्रीबाई फूले को कई महिलाओं को अपने आंचल में समेटते हुए दिखाया गया है. सावित्रीबाई ने अपना पूरा जीवन यही किया भी. उन्होंने ब्रिटिश इंडिया में भी औरतों के उत्थान और शिक्षा के बारे में सोचा, जो उस वक्त के लिए बहुत नई बात थी.
उनका जन्म 3 जनवरी, 1831 महाराष्ट्र के सतारा के छोटे से गांव नायगांव में हुआ था. उन्होंने सामाजिक भेदभाव और रूकावटों के बावजूद अपनी शिक्षा पूरी की और इसे बाकी महिलाओं तक पहुंचाने का संकल्प भी लिया.
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1848 में उन्होंने सबसे पहला महिला स्कूल पुणे बालिका विद्यालय खोला. इसके बाद उन्होंने अपने मेहनत और साहस के बल पर 18 महिला स्कूल खोले और अपना पूरा जीवन महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने में लगाया.
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सावित्रीबाई फूले ने उस जमाने में जो दृढ़ संकल्प लिया और इस दिशा में काम किया, उसने भारतीय महिलाओं के आने वाले भविष्य की एक बेहतर रूपरेखा तैयार कर दी.