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फेसबुक ने कबूला, टारगेट ऐड्स के लिए यूजर्स के फोन नंबर साझा किए

फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, 'हम इस बारे में स्पष्ट हैं कि हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई जानकारियों का उपयोग कैसे करें. यूजर्स चाहे तो किसी भी समय अपलोड की गई अपनी जानकारियों को हटा सकते हैं.

FP Staff

फेसबुक ने बीते गुरुवार को यह बात स्वीकारी कि उसने टारगेट ऐड्स के लिए अपने यूजर्स के फोन नंबर विज्ञापनदाताओं से साझा किए थे.

फेसबुक के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा, ' हम फेसबुक पर लोगों द्वारा दी गई जानकारी का उपयोग बेहतर और अधिक व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करने के लिए करते हैं. इसमें ऐड भी शामिल हैं.'


यूजर्स द्वारा शेयर किए गए उनके फोन नंबर सोशल नेटवर्क  विशेष रूप से टू फैक्टर प्रमाणीकरण (2 FA) के लिए इस्तेमा करते हैं. यह एक सुरक्षा तकनीक है जो खातों को सुरक्षित रखने में मदद करती है.

फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, 'हम इस बारे में स्पष्ट हैं कि हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई जानकारियों का उपयोग कैसे करें. यूजर्स चाहे तो किसी भी समय अपलोड की गई अपनी जानकारियों को हटा सकते हैं.'

सोशल नेटवर्क व्यक्तिगत जानकारी के टुकड़ों का उपयोग करता है

फेसबुक ने अमेरिका की दो यूनिवर्सिटी में शिक्षाविदों द्वारा किए गए शोध कार्यों की सूचना देने के बाद विज्ञापनों को टार्गेट करने के लिए यूजर्स के फोन नंबर के उपयोग की पुष्टि की. इस अध्ययन में पाया गया कि सोशल नेटवर्क व्यक्तिगत जानकारी के टुकड़ों का उपयोग करता है.

इस अध्ययन को सबसे पहले गीजमोडो की रिपोर्ट में सार्वजनिक किया गया था. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यूजर्स की स्वेच्छा से दिए गए फोन नंबर के अलावा सुरक्षा के मकसद से साझा की गई अन्य जानकारियों का इस्तेमाल भी  फेसबुक अपने हित के लिए कर रहा है.

इससे पूर्व  डाटा माइनिंग और विश्लेषण फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका पर आरोप लगे थे कि उसने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जीतने में मदद करने के लिए 8.7 करोड़ फेसबुक अकाउन्ट से व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल किया.