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डराने वाला है ये डेटा! फेसबुक और गूगल आपको आपसे ज्यादा जानते हैं

गूगल और फेसबुक हमारे कंप्यूटर सिस्टम्स और मोबाइल के जरिए हमारी जिंदगी में इतने गहरे तक घुसे हुए हैं कि हम इस डेटा के हमाम में नंगे हैं और इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है

Tulika Kushwaha

पूरे देश में फेसबुक डेटा सिक्योरिटी पर घमासान मचा हुआ है. फेसबुक पर यूजर्स का डेटा सुरक्षित नहीं है. इसे थर्ड पार्टी अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करती हैं. पिछले कुछ दिनों में फेसबुक की बहुत लानत मलानत हुई है और अब फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग को अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश होना है.

डेटा के हमाम में सब नंगे हैं


पिछले दिनों की इस बहस ने जो सबसे बड़ा सवाल पैदा किया है, वो है- गूगल और फेसबुक पर आखिर हमारा डेटा कितना सुरक्षित है या है भी य़ा नहीं? इतना तो हमें पता है कि हमारे ईमेल आईडी और बेसिक इनफॉर्मेशन के अलावा हमारे इंट्रस्ट और सर्च का भी रिकॉर्ड रखा जाता है और इसका आसान सा उदाहरण आपके सिस्टम पर आने वाले विज्ञापन या मोबाइल पर आने वाले मैसेज हैं. वजन घटाने, बाल बढ़ाने, लाइफस्टाइल कंपनियों या ऑटोमोबाइल के विज्ञापन या किसी और भी तरह के विज्ञापन आपकी सर्च हिस्ट्री के हिसाब से आप तक पहुंचाए जाते हैं.

लेकिन डराने वाली बात ये है कि गूगल और फेसबुक बस इतनी ही जानकारी नहीं रखते, वो हमारे कंप्यूटर सिस्टम्स और मोबाइल के जरिए हमारी जिंदगी में इतने गहरे तक घुसे हुए हैं कि हम इस डेटा के हमाम में नंगे हैं और इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है.

इस बहस के दौरान आपने भी थोड़ा बहुत पढ़ा-जाना होगा कि ये कंपनियां किस तरह आपका डेटा चुराती हैं और उसका मिसयूज करती हैं लेकिन अब एक शख्स इतनी डिटेल्स के साथ सामने आया है कि आप हैरान रह जाएंगे कि आपकी कितनी छोटी से छोटी जानकारी और डेटा गूगल फेसबुक के पास होता है यहां तक कि आपके डिलीट करने के बाद भी और हम इस सबसे बेखबर हैं.

टेक्निकल कंस्लटेंट और वेब डेवलपर डिलन करेन ने ट्विटर पर 38 प्वॉइंट में बताया है कि गूगल और फेसबुक आपका कितना डेटा चुराते हैं रिस्टोर करते है.

इनमें से कुछ जरूरी चीजें हम यहां बता रहे हैं, खुद को तैयार कर लीजिए-

- अगर आपने अपने फोन में लोकेशन ऑन कर रखा है तो जब भी आप अपना फोन ऑन करते हैं गूगल आपकी लोकेशन स्टोर कर लेता है और आप इसकी बकायदा एक टाइमलाइन देख सकते हैं कि आपने अपने फोन पर पहली बार गूगल कब इस्तेमाल किया था. लोकेशन ऑन रखने पर गूगल को पता चलता रहता है कि आप कहां जा रहे हैं. आप अपने लोकेशन पर कितनी देर में और कब पहुंचे, ये सब जानकारी गूगल को मिलती है.

- गूगल आपकी सर्च हिस्ट्री का डेटा रखता है चाहे आपने किसी भी डिवाइस पर सर्च किया हो, गूगल सारा डेटा रखता है. आप डिलीट भी कर दें तो भी अलग अलग डिवाइसों पर आपका डेटा बना रहता है. इसी के बेसिस पर आपको ऐड्स दिखाए जाते हैं. फेसबुक भी आपकी सर्च हिस्ट्री रखता है और आपकी रुचि के हिसाब से आपको चीजें दिखाता है.

- आप कौन सा ऐप इस्तेमाल करते हैं, कितना इस्तेमाल करते हैं, कहां इस्तेमाल करते हैं, किससे बात करते हैं, वगैरह सारी जानकारियां गूगल स्टोर करता है.

- यहां तक कि आपने फेसबुक पर कौन से स्टीकर इस्तेमाल किए, किसको भेजा, कब भेजा इसका भी डेटा तैयार होता है.

- आपने किस डिवाइस से, कहां से और कब फेसबुक पर लॉगइन किया, इसका डेटा भी स्टोर होता है.

- गूगल आपकी यूट्यूब हिस्ट्री भी जानता है. आपकी रुचि के हिसाब से यानी आपने जिस तरह के वीडियोज देखे हैं, उनके हिसाब से गूगल आपको पहचानता है, आपकी विचारधारा और वैचारिक झुकाव को समझता है.

- डिलन ने बताया कि गूगल स्टोर किया हुआ डेटा डाउनलोड करने का ऑप्शन देता है और उनकी फाइल 5.5 जीबी की है. फेसबुक भी डेटा डाउनलोड करने का ऑप्शन देता है.

- गूगल आपके फोन के जरिए आपके ईमेल, कॉन्टैक्ट्स, गूगल ड्राइव की फाइल्स, बुकमार्क, यूट्यूब वी़डियोज, फोन से ली गई फोटोज, शॉपिंग की डिटेल्स, खरीदी गई चीजों की डिटेल्स, कैलेंडर, लोकेशन हिस्ट्री, म्यूजिक, गूगल बूक्स, गूगल ग्रुप्स, बनाई गई वेबसाइट्स, कौन-कौन सा फोन रखा है, कौन से पेज खरीदे हैं, आप कितना चलते हैं (गूगल फिट्स) इन सारी चीजों की जानकारी रखता है.

- आपने किसको मैसेज या कोई फाइल भेजा, कब भेजा, किसका मैसेज आया, ये सारी जानकारी गूगल के पास स्टोर होती है यहां तक कि आपके सारे ऑडियो मैसेज और कॉन्टैक्ट्स भी.

- आपने कभी भी जिन एप्लीकेशन्स को अपने फेसबुक से कनेक्ट किया है, उनका डेटा स्टोर होता है.

-अगर आपका डिवाइस में विंडोज 10 इंस्टॉल है, तो आपके डेटा में एंट्री के लिए ऑप्शन्स बाई डिफॉल्ट ऑन रहते हैं.

डिलन ने ये भी लिखा कि ये मॉर्डन एज की अजीब चीजों में से एक है कि हम सरकारों या किसी कॉरपोरेशन से अपनी जानकारी शेयर नहीं करना चाहते लेकिन हमने इन नए गूगल फेसबुक के जरिए खुद अपनी सारी जानकारी इनको परोस दिया है.

उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि हो सकता है कि वो एफबीआई की वॉच लिस्ट में आ गए होंगे तो अगर उन्हें कुछ होता है तो ये हादसा नहीं सेट अप होगा.

तो अगर आपको लगता है कि आप अपने फोन पर कुछ भी करते हैं और वो आप तक ही रहता है तो आप गलत हैं. अनजाने में ही गूगल और फेसबुक हमें हमसे भी ज्यादा बेहतर तरीके से जानते हैं.