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निष्क्रिय चीनी स्पेस लैब तियांगोंग-1 दक्षिणी प्रशांत महासागर में गिरा

आठ ठन के भार वाली तियांगोंग-1 का ज्यादातर हिस्सा वायुमंडल में ही जल गया था. लैब के मलबे का बहुत छोटा सा हिस्सा जमीन पर गिरा है

Bhasha

चीन की निष्क्रिय और अनियंत्रित हो चुकी एक स्पेस लैबोरेटरी सोमवार को धरती के वायुमंडल में वापस लौट आई और दक्षिणी प्रशांत में जा गिरी.

चीन के मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग ऑफिस ने बताया कि आठ ठन के भार वाली तियांगोंग-1 का ज्यादातर हिस्सा वायुमंडल में ही जल गया था. लैब के मलबे का बहुत छोटा सा हिस्सा जमीन पर गिरा है.


ऑफिस की ओर से बताया गया कि इस प्रयोगशाला ने दक्षिणी प्रशांत के मध्य क्षेत्र में सुबह करीब आठ बजकर15 मिनट (स्थानीय समयानुसार) के आस-पास फिर से प्रवेश किया.

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बीजिंग एरोस्पेस नियंत्रण केंद्र और संबंधित संस्थानों के हवाले से बताया कि इस लैबोरेटरी का ज्यादातर हिस्सा वायुमंडल में ही जल गया था.

सीएमएसईओ की ओर से हाल ही में प्रकाशित एक लेख में कहा गया था कि ‘तियांगोंग- 1’ वायुमंडल में जल जाएगा और इससे जमीन पर कोई नुकसान पहुंचने की बहुत कम संभावना है. इस लैबोरेटरी के धरती के ओर गिरने की खबर के बाद से ही नुकसान की आशंका जताई जा रही है.

तियांगोंग-1 का प्रक्षेपण 29 सितंबर, 2011 को किया गया था और इसका काम मार्च 2016 में खत्म हो गया था. इस लैब के भीतर शेन्जोओ-8, शेन्जोओ-9 और शेन्जोओ-10 अंतरिक्षयान भेजे गए थे और इसके जरिए कई ऐसे काम को अंजाम दिया गया जो मानव को साथ ले जाने वाले चीनी अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.

(फीचर्ड इमेज प्रतीकात्मक)