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केमिकल भरे कॉस्मेटिक्स के इस्तेमाल से जल्दी युवा हो रही हैं लड़कियां: रिसर्च

जन्म से पहले टूथपेस्ट, मेकअप, साबुन जैसे कॉस्मेटिक्स में मौजूद केमिकल के संपर्क में आने से कम उम्र में ही लड़कियों के युवा होने की संभावना बढ़ सकती है

Bhasha

इंसानी जीवन में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों और जीवनशैली का असर हमारे जीन और डीएनए पर होता है. सालों से हमारी डेली रूटीन का हिस्सा बन गई चीजों का असर अगली पीढ़ी पर पड़ता है. ऐसा आप इस वक्त पैदा हो रहे बच्चों में देख सकते हैं. उनके फीचर्स और रंग-रूप के साथ ही उनके दिमाग पर भी काफी असर पड़ा है.

इसी तरह हम जो कॉस्मेटिक्स इस्तेमाल करते हैं, उनका असर भी हमारे शरीर पर पड़ता है. एक रिसर्च में पता चला है कि केमिकल युक्त कॉस्मेटिक्स यानी सौंदर्य प्रसाधन के सामान इस्तेमाल करने से बच्चों के हॉर्मोन पर असर पड़ता है और उनकी युवावस्था जल्दी आ रही है.


जन्म से पहले टूथपेस्ट, मेकअप, साबुन जैसे कॉस्मेटिक्स में मौजूद केमिकल के संपर्क में आने से कम उम्र में ही लड़कियों के युवा होने की संभावना बढ़ सकती है. मंगलवार को प्रकाशित एक रिसर्च में यह जानकारी दी गई.

अमेरिका के बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसी) के रिसर्चर्स ने पाया कि जिन लड़कियों की माताओं के शरीर में गर्भावस्था के दौरान डाईइथाइल थैलेट और ट्राईक्लोसन का स्तर अधिक था, उन लड़कियों को कम उम्र में ही युवा होते देखा गया.

ये नतीजे ‘ह्यूमन रिप्रोडक्शन’ मैगजीन में प्रकाशित हुए हैं.

यूएस सेंटर फॉर दी हेल्थ एसेसमेंट ऑफ मदर्स एंड चिल्ड्रेन ऑफ सलीनास (सीएचएएमएसीओएस) अध्ययन के तहत एकत्र किए गए आंकड़े से ये नतीजे सामने आए. 338 बच्चों पर यह अध्ययन किया गया, जिसमें पता चला कि जन्म से ही ये बच्चे युवावस्था की ओर बढ़ रहे हैं.

डाईइथाइल पीएचथैलेट का इस्तेमाल अक्सर परफ्यूम और कॉस्मेटिक्स में स्टैबलाइजर के तौर पर किया जाता है.

यूसी बर्कले में एसोसिएट एडजंक्ट प्रोफेसर किम हर्ले ने कहा, ‘हम जानते हैं कि अपने ऊपर हम जो भी चीजें इस्तेमाल करते हैं वे हमारे शरीर के अंदर तक जाती हैं, चाहे वे त्वचा के माध्यम से पहुंचें या हमारे सांस के जरिए पहुंचे या गलती से हम उन्हें खा लें.’

हर्ले ने कहा, ‘हमें यह जानने की जरूरत है कि ये रसायन हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचान रहे हैं.’