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आसुस का नया जेनफोन 3 डीलक्स: कैसा है ये फ्लैगशिप फोन

आसुस ने भारतीय बाजार में बजटफोन के साथ दस्तक दी थी, लेकिन अब रणनीति बदली है.

Sheldon Pinto

जून 2016 में ताईवान में आयोजित कंप्यूटेक्स शो में आसुस ने एक साथ कई स्मार्टफोन बाजार में उतारे थे. लगता है इसके बाद से कंपनी ने अब प्रीमियम स्मार्टफोन पर ही ध्यान देने का मन बना लिया है. इससे बाद से आसुस कई प्रीमियम मोबाइल सेट्स लाया है जिनमें प्लास्टिक के बदले मेटल बॉडी है और इंटेल के बजाय क्वालकॉम के चिपसेट लगाए गए हैं.

आसुस ने भारतीय बाजार में बजटफोन के साथ दस्तक दी थी, लेकिन अब रणनीति बदली है. वह बजटफोन के बाद मध्यम रेंज के फोन और अब महंगे प्रीमियम स्मार्ट फोन लेकर आ रहा है. जेनफोन 3 और जेनफोन 3 मैक्स के बाद आसुस ने फैबलेट साइज के जेनफोन 3 अल्ट्रा और जेनफोन 3 डीलक्स बाजार में उतारा है.


हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के मामले में आसुस की पुरानी पसंद को बहुत बेहतर तो नहीं कहा जा सकता. वैसे भी फ्लैगशिप प्रॉडक्ट के बाजार में काफी प्रतियोगिता है. खासकर जिस प्रॉडक्ट या डिवाइस से आप अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, उसमें ज्यादा समझौते की गुंजाइश नहीं बचती. जब मार्केट में पहले से स्थापित कंपनियां मौजूद हों और आप एक नया उत्पाद लेकर बाजार में आए हों, तो यह और मुश्किल हो जाता है. अब देखना है कि इस लिहाज से कंपनी की तरफ से अब तक का बेस्ट प्रोडक्ट बताया जाने वाला फोन कितना खरा उतरता है.

इसकी कीमत 49,999 रूपए रखी गई है जिसमें स्नैपड्रैगन प्रोसेसर लगा हुआ है. ये एलजी, सोनी, एचटीसी और सैमसंग का मुकाबला कैसे करेगी.. आइए देखते हैं.

बनावट और डिजाइन 7.5/10

आसुस जेनफोन 3 डीलक्स की बनावट और इसके डिजाइन ने मुझे प्रभावित किया है. कंपनी ने डिवाइस के एंटीना बैंड को सलीके से छिपाया गया है. लेआउट बहुत अच्छा है. देख कर पता नहीं लगता कि इसका पिछला हिस्सा प्लास्टिक का है या किसी धातु से बना है. इसे छूने से ही अंदाजा लग जाता है कि फोन प्रीमियम क्लास का है. कंपनी इसे आसुस प्योर मेटल टेक्नोलॉजी बता रही है और फिलहाल किसी अन्य मोबाइल निर्माता के पास ऐसा कुछ नहीं है. लेकिन अगर नाम में डीलक्स हो तो फोन में और भी बहुत कुछ होना चाहिए. इस मामले में फोन ने मुझे निराश किया है.

सामने से देखें तो 2.5डी ग्लास के अलाव ये जेनफोन 3 से ही मिलता जुलता है. आहिस्ता पलटें तो ये किसी और आसुस स्मार्ट फोन की तरह दिखता है जैसे जेनफोन 3 लेजर. डिजाइन को लेकर सिर्फ ये कहूंगा कि मेरे ऑफिस में किसी ने ये नहीं कहा कि डिवाइस और मोबाइल सेट से बहुत अलग है जिसकी बिना पर इसे बिल्कुल अलहदा कहा जा सके. कर्व के पास डिस्प्ले नहीं है. डिस्प्ले औऱ फ्रेम के बीच काले रंग का बोर्डर भी छूने पर उतना पतला नहीं मालूम पड़ता. एक और बड़ी बात. ये स्मार्टफोन पानी और धूल से खराब होने की गारंटी नहीं देता. अगर हम प्रतियोगी कंपनियों की बात करें तो एक बड़ा फर्क है.

पीछे की ओर आसुस का लोगो भी सीधा नहीं है. लगता है जैसे 2 से 3 मिलीमीटर इधऱ-उधर है. जब आप किसी स्मार्टफोन के लिए 50 हजार रूपए से सिर्फ एक रूपया कम खर्च कर रहे हों तो ये उम्मीद नहीं रखते.

ग्राहक हमेशा फ्लैगशिप प्रोडक्ट की अलग पहचान चाहते हैं. सिर्फ आकर्षक लगना अहम नहीं है.

फीचर 8.5/10

अगर कोई डिजाइन से बहुत खुश नहीं है तो आसुस जेनफोन 3 डिलक्स का हार्डवेयर उसे जरूर लुभाएगा. कंपनी आपको 5.7 इंच का फुल एचडी सुपर एमोलेड डिस्प्ले के साथ 8 एमपी का फ्रंट कैमरा दे रही है. वहीं बैक कैमरा 23 एमपी का है और इसके साथ ओआईएस, ईआईएस और लेजर फोकस की सुविधा भी है.

स्मार्टफोन के अंदर स्नैपड्रैगन 820 चिपसेट है जो 2.15 गीगा हर्ट्ज से लैस है. साथ ही एड्रीनो 530 जीपीयू है जो 624 मेगा हर्ट्ज की स्पीड से काम करता है. इंटरनल स्टोरेज 64 जीबी और रैम 6 जीबी है. स्टोरेज क्षमता माइक्रो एसडी कार्ड लगाकर 128 जीबी तक बढ़ाई जा सकती है.

कनेक्टिविटी की बात करें तो ये 4जी, एलटीई बैंड, वाई-फाई, ब्लू टूथ वी.4.2 और एनएफसी को सपोर्ट करता है. सबसे निचले हिस्से में 3.5 एमएम का हेडफोन जैक और टाइप सी यूएसबी पोर्ट लगाने की सुविधा है. दो सिम लगा सकते हैं. एक माइक्रो सिम और दूसरा नैनो सिम. इनमें से किसी में माइक्रो एसडी कार्ड भी लगाया जा सकता है. बैटरी क्षमता 3000 एमएएच की है.

डिस्प्ले  8/10

आसुस ने पहली बार 5.7 इंच का एमोलेड डिस्प्ले वाला डिवाइस उतारा है और ये अच्छा भी लग रहा है. फुल एचडी रिजोल्यूशन के कारण एक निगाह डालते ही डिस्प्ले शानदार नजर आता है. एमोलेड से लैस होने के कारण डिस्प्ले पर हाथ फेरें तो हल्का गुलाबी रंग फैलने जैसा आभास होता है पर मैं इसके लिए शिकायत नहीं करूंगा.

आसुस का दावा है कि उसका एमोलेड डिस्प्ले 100 प्रतिशत एनटीएससी है. एनटीएससी वीडियो ट्रांसमिटिंग तकनीक है जो अमरीका में काफी लोकप्रिय है. कंपनी के इस दावे पर मुझे पूरा यकीन नहीं है लेकिन ईमेज क्वालिटी और कलर डिस्प्ले एकदम सही है. फोन ऑन करें तो बाय डिफॉल्ट डिस्प्ले मोड सुपर कलर आता है. अगर इसे हम स्टैंडर्ड मोड में कर दें तो प्राकृतिक रंग ज्यादा खिल कर सामने आते हैं. हालांकि सुपर कलर मोड का इस्तेमाल करने वालों के ये पसंद नहीं आएगा.

सॉफ्टवेयर  7/10

आसुस जेनफोन 3 डिलक्स के सॉफ्टवेयर की बात करें तो वही पुरानी कहानी दोहराई गई है. कंपनी ने पहले की तरह ही अपने झेन यूआई पर भरोसा किया है. लचीलापन ग्राहक या यूजर को अपने हिसाब से थीम सेट करने की सुविधा देता है.

फोन को यूज करने पर लगता है जैसे ये कुछ फूला हुआ है. वन प्लस 3 स्मार्ट फोन यूज करने वाले को आसुस 3 डिलक्स दे दें तो उसे लगेगा जैसे 3 जीबी रैम के किसी मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि ये 6 जीबी रैम से लैस है.

बेकार के कई सॉफ्टवेयर भी लाद दिए गए हैं. इस लिहाज से ऑपरेटिंग सिस्टम को सुधारने के बदले कंपनी ने पुरानी तकनीक पर ही भरोसा किया है.

लेकिन कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं. आपके पास बहुत सारे विकल्प हैं. आप लगभग सभी चीजों को अपने हिसाब से बदल सकते हैं. यानी कस्टमाइजेशन की खूब छूट है. मोबाइल मैनेजर एप्प में जाकर आप सॉफ्टवेयर की स्पीड और बैटरी यूसेज कंडीशन को बदल सकते हैं.

परफॉरमेंस 7.5/10

इस स्मार्टफोन के साथ परफॉरमेंस की समस्या नहीं है. जैसा की कंपनी ने खुद ही कहा है जेनफोन 3 डिलक्स सही मायनों में आसुस का अब तक का सबसे बढ़िया प्रोडक्ट है. लेकिन सॉफ्टवेयर का जाल बिछा देने के कारण अगर इसे परफॉरमेंस मोड पर भी रख दिया जाए तो भी वन प्लस 3 जैसा स्मूथ नहीं है.

हालांकि स्पीड की समस्या नहीं है. अगर वन प्लस को सामने रख कर तुलना करें तो एक साथ कई सारे एप्प खोलने पर स्पीड के मामले में जेनफोन आगे रहा. पर वैसे सामान्य तौर पर यूज करते समय कुछ सॉफ्टवेयर, प्रोग्राम चलने औऱ बंद होने में लड़खड़ाए ज़रूर. यानी थोड़ा अटकने जैसी फीलिंग आई.

गेम्स और एप्पस के अंदर परफॉरमेंस में कोई दिक्कत नहीं आई. कोई भी गेम धड़ल्ले से चला. मैंने डेड ट्रिगर, एस्फॉल्ट 8 - एक्सट्रीम, गीयर क्लब, वारहैमर 40 के और कई अन्य गेम चलाए लेकिन कोई दिक्कत नहीं हुई. हां फोन थोड़ा गर्म जरूर हुआ लेकिन इतना भी नहीं कि पकड़ने में दिक्कत महसूस हो.

फिंगरप्रिंट रीडर स्मार्टफोन को तेजी से अनलॉक करता है लेकिन अगर दूसरी कंपनियों के फ्लैगशिप डिवाइस से तुलना करें तो ये थोड़ा पीछे है. मुझे कई बार अनलॉक करने के लिए दोबारा उंगली लगानी पड़ी.

कॉल क्वालिटी अच्छी है. कॉलर और रिसीवर दोनों को आवाज स्पष्ट सुनाई देती है. नीचे फिट किया गया स्पीकर मैक्सिमम पर सेट कर दें तब भी आवाज स्पष्ट सुनाई देती है.

कैमरा  7/10

कागज पर कैमरे का कनफिगरेशन लाजवाब है. 23 एमपी रीयर कैमरा जो लेजर ऑटोफोकस एसिस्ट, पीडीएएफ, ओआईएस, ईआईएस और न जाने कितनी तकनीकों से लैसे है. पर इसके बावजूद जो तस्वीरें सामने आती हैं वो उतनी अच्छी नहीं हैं.

चाहे आप सूरज की रोशनी में शूट करें या डिम लाइट में तस्वीर में वो गहराई नहीं दिखती. कैमरे को ऑटो मोड में रखने पर एक परेशानी दिखी. ये सब्जेक्ट को फोकस नहीं कर पा रहा था. फोकस लॉक करने के लिए कई बार दोबारा कोशिश करनी पड़ी. ये दिक्कत कम रोशनी पर खास तौर पर पेश आई. ये थोड़ा चौंकाने वाला है क्योंकि हैंडसेट में लेजर फोकस असिस्ट लगा हुआ है.

मैने एचडीआर मोड और ऑटो मोड दोनों में कई सारी तस्वीरें ली पर इसे किसी को दिखाने पर ये पता करना मुश्किल हो रहा था कि कोई खास तस्वीर किस मोड में खींची गई. इस लिहाज से फ्रंट कैमरा ज्यादा बेहतर काम कर रहा है.

बैटरी 7.5/10

हमलोग जिस तरह मोबाइल यूज करते उस लिहाज से एक बार चार्ज कर देने पर जेनफोन 3 डिलक्स पूरे दिन काम करता है. वो भी तब जब हैंगाउट, व्हाट्स एप्प, स्लैक और दो जी-मेल अकाउंट कैमरे के साथ सिंक हैं. लेकिन अगर थ्री डी गेम खेलने लगें तो नौ घंटे में चार्ज करने की नौबत आ जाएगी. परफॉरमेंस मोड में रखने पर बैटरी और जल्दी खत्म होगी.

मेरे हिसाब बैटरी की क्षमता थोड़ी ज्यादा होनी चाहिए. एक अच्छी चीज है कि यह फोन क्विक चार्ज 3 से लैस है. इस मोड में मोबाइल एक घंटे के भीतर फुल चार्ज हो जाता है.

हमारा फैसला

आखिर मे मैं यही कहूंगा कि बाजार में आई और कंपनियों के फ्लैगशिप डिवाइस से तुलना करें तो आसुस का ये अवतार पीछे रह जाता है. ऊपरी तौर पर कागज पर लिखी खूबियों को पढ़ें तो ये एक शानदार फोन है लेकिन सॉफ्टवेयर ने वाकई हमें निराश किया. अगर इस पर ध्यान दिया गया होता तो ये मक्खन की तरह स्मूथ डिवाइस होता. कैमरे ने भी कोई खासा प्रभावित नहीं किया.

सॉफ्टवेयर के लिहाज से मैं या कोई ग्राहक भी जेनफोन 3 डिलक्स को पास नहीं करेगा. 49,999 रूपए में जेनफोन खरीदने के बदले मैं एचटीसी 10 या वन प्लस 3टी लेना पसंद करूंगा.