भारत के उभरते सितारे और यूथ ओलिंपिक्स में खिताब के प्रबल दावेदार माने जाने जा रहे शटलर लक्ष्य सेन अपने गोल्ड मेडल के लक्ष्य से मात्र एक कदम दूर हैं. लक्ष्य ने मेंस सिंगल के सेमीफाइनल में जापान के कोडाई नाराओका को 14-21, 21-15, 24-22 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया और अब खिताब के लिए उनका सामना चीन के ली शीफेंग से होगा.अगर लक्ष्य चीनी खिलाड़ी को मात देते दे देते हैं तो वह इतिहास रच देंगे. लक्ष्य के पास यूथ ओलिंपिक में पहला भारतीय गोल्ड मेडलिस्ट बनने का सुनहरा मौका है. लक्ष्य से पहले एचएस प्रणॉय ने 2010 में सिंगापुर में हुए पहला यूथ ओलिंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था.
एशियाई जूनियर चैंपियन लक्ष्य को सेमीफाइनल मुकाबला अपने नाम करने के लिए काफी पसीना बहाना. पहले गेम गंवाने के बाद लक्ष्य ने दूसरे गेम में वापसी की और दूसरा गेम अपने नाम करने के साथ ही स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया. निर्णायक गेम में लक्ष्य ने जापानी खिलाड़ी को 24-22 से हराया. शानदार फॉर्म में चल रहे लक्ष्य ने यहां सेमीफाइनल से पहले के सभी मुकाबले सीधे गेमों में जीते थे. पहले दौर में उन्होंने इजिप्ट के कमेल को 21-14, 21-16 से, दूसरे दौर में उक्रेन के बोस्निउक को 23-21, 21- 8 से, प्री क्वार्टर में ब्राजीलज के फ्रिंस को 21-6, 21-16 से और क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया के रुमबे को 21-17, 21-19 से हराया था.