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Youth Olympic 2018: यह समापन समारोह नहीं, एक नए सफर का उद्घाटन समारोह था

अर्जेंटीना में यूथ ओलिंपिक गेम्स का समापन हो गया है और यहीं से 2020 टोक्यो ओलिंपिक के लिए युवा खिलाड़ियों का सफर भी हुआ हो गया है

FP Staff

करीब 12 दिन अर्जेंटीना में चले यूथ ओलिंपिक गेम्स खत्म हो चुके हैं और यहीं से युवा खिलाड़ियों का एक सफर भी शुरू हो चुका है. या यूं कहे कि यह अंत के शुरुआत है. भारत ने तीन गोल्ड, 9 सिल्वर और एक ब्रॉन्ज सहित कुल 13 मेडल के साथ अपना सफल अभियान पूरा किया और इसी के साथ इन 13 मेडलिस्ट का भी एक सफर शुरू हो चुका है और मंजिल है 2020 टोक्यो ओलिंपिक गेम्स के आखिरी दिन हुए समापन समारोह में भारत को यूथ ओलिंपिक के इतिहास में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले जेरेमी लालरिनुंगा ने भारतीय दल का नेतृत्व किया.

इस यूथ ओलिंपिक में 206 देशों ने अपनी चुनौती पेश की थी, जिसमें भारत 17वें पायदान पर रहा. भारत के लिए यह गेम्स काफी यादगार रहेगा, क्योंकि इस बार यहां भारत ने कई ऐतिहासिक सफलता हासिल की. जहां जेरेमी ने यूथ ओलिंपिक्स में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलवाया, वहीं मनु भारत गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय लड़की भी बनी. तबाबी देवी ने जूडो में भारत को पहला मेडल दिलवाया. इस ओलिंपिक्स में भारत की बॉयज और गल्र्स हॉकी टीम ने पदार्पण किया गया और पर्दापण में ही सिल्वर मेडल जीता. जैरी ने वेटलिफ्टिंग में, मनु और सौरभ ने शूटिंग की 10 मीटर पिस्टल में गोल्ड जीता. बैडमिंटन में भारत ने लक्ष्य सेन ने मिक्स्ड टीम इवेंट (इसमें विभिन्न देशों के खिलाड़ियों को लेकर 8 टीम बनाई जाती है और लक्ष्य विजेता टीम एल्फा में थे) में गोल्ड मेडल जीता.


यूथ ओलिंपिक में यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और यही ये 2020 में टोक्यो ओलिंपिक के लिए भी कई उभरते खिलाड़ियों का भी लक्ष्य तय हो गया है. 2010 में सिंगापुर में हुए पहले यूथ ओलिंपिक में भारत ने 6 सिल्वर और दो ब्रॉन्ज सहित कुल 8 मेडल जीते थे और यहीं पर प्रणॉय कुमार, यूकी भांबरी, शिवा थापा ने सिल्वर और विकास कृष्णन यादव ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. 2014 में चीन में हुए यूथ ओलिंपिक गेम्स में भारत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था और एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज सहित कुल दो मेडल अपनी झोली में डाले थे.