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अभी खत्म नहीं हुई है योगेश्वर दत्त की मेडल की भूख, पांच-पांच घंटे कर रहे हैं प्रैक्टिस

अगले साल होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स पर हैं लंदन ओलिंपिक के पदक विजेता की निगाहें

FP Staff

पिछले एक साल से किसी भी टूर्नामेंट में भाग नहीं लेने वाले ओलंपिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त अभी अपना पूरा ध्यान फिटनेस पर दे रहे हैं ताकि वह अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भाग ले सकें. योगेश्वर पिछले कुछ वर्षों में चोटों से जूझते रहे हैं और इसलिए वह पिछले साल रियो ओलंपिक के बाद से किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने अभी बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने की अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी है.

योगेश्वर ने कहा कि मैं अभी अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहा हूं और इसके लिये हर रोज सुबह शाम कम से पांच घंटे अभ्यास करता हूं लेकिन यह सब मैं अपनी फिटनेस के लिये कर रहा हूं क्योंकि मैं पिछले कुछ समय से चोटों से जूझता रहा हूं और इसलिए अभी मेरी प्राथमिकता अपनी फिटनेस बनाये रखना है.


लंदन ओलिंपिक में 60 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले इस 34 वर्षीय पहलवान ने कहा कि अगले साल राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेल हैं और अगर मैं फिट होता हूं तो इन दोनों में भाग लूंगा. अभी मैंने तोक्यो ओलंपिक के बारे में कुछ नहीं सोचा है.

भारतीय पहलवानों की अगली परीक्षा अब पेरिस में इसी महीने के आखिर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में होगी. योगेश्वर ने कहा कि रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और और एक अन्य महिला पहलवान विनेश फोगाट के अलावा पुरुष वर्ग में बजरंग पूनिया, संदीप तोमर और प्रवीण राणा से पदक की उम्मीद की जा सकती है.

उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया, संदीप तोमर, प्रवीण राणा हमारे पास सीनियर वर्ग में अच्छे खिलाड़ी हैं. इनसे विश्व चैंपियनशिप में पदक की उम्मीद है. लड़कियों में विनेश और साक्षी हैं जो पदक जीत सकती हैं. इन सभी से हमें अगले ओलिंपिक में पदक की उम्मीद रहेगी.