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अलविदा 2016: कौन सी है साल की बेस्ट भारतीय टीम

हॉकी और क्रिकेट टीमों के बीच रहा साल में कड़ा मुकाबला

Shailesh Chaturvedi

विराट कोहली की कप्तानी में लगातार जीतती टीम इंडिया रैंकिंग में तो नंबर वन है. क्या ये साल की भी बेस्ट टीम है? या फिर महेंद्र सिंह धोनी की उस टी 20 टीम को आप बेस्ट मानेंगे, जिसने वर्ल्ड टी 20 के सेमी फाइनल में जगह बनाई. हमें याद रखना चाहिए कि और खेलों में भी कुछ टीमों ने कमाल किया है.

भारतीय बैडमिंटन टीम ने यूबर कप में कांस्य पदक जीता. चीन के खिलाफ हारने से पहले उसने जापान और थाइलैंड जैसी बड़ी टीमों को हराया.


कबड्डी टीम ने कमाल किया. उसने सातवीं बार विश्व कप जीता. कोरिया से हारने के बाद उसने कोई मुकाबला नहीं गंवाया और खिताब पर कब्जा कर लिया.

बास्केटबॉल टीम ने तरक्की की. उसने चीन, फिलीपींस और कजाखस्तान जैसी टीमों को हराकर एशिया चैलेंज के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. तरक्की फुटबॉल टीम ने भी की और विश्व रैंकिंग में 135वें नंबर पर पहुंची.

इन सबके बीच भारतीय हॉकी टीम को नहीं भूलना चाहिए. सीनियर हॉकी टीम ने इस साल चैंपियंस ट्रॉफी में सिल्वर जीता. भारत ने पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मे जगह बनाई.

एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का गोल्ड भारत के नाम रहा. ओलिंपिक में भी प्रदर्शन खराब नहीं रहा. क्वार्टर फाइनल मे टीम ने जगह बनाई. तो क्या पीआर श्रीजेश की इस टीम के प्रदर्शन को विराट कोहली एंड कंपनी से ऊपर रखा जाना चाहिए?

इस बहस में पड़ने से पहले एक और टीम की तरफ नजर घुमा लेते हैं. जूनियर हॉकी टीम. जूनियर टीम ने 15 साल बाद वर्ल्ड कप जीता. 2001 के बाद भारत ने पहली बार खिताब अपने नाम किया.

हमें याद रखना चाहिए कि 15 साल पहले जब भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीता था, तो उसके बाद क्या हुआ था. वर्ल्ड कप टीम के ज्यादातर सदस्य सीनियर टीम में खेले.

भारतीय हॉकी में 21वीं सदी के पहले दशक में हॉकी के अच्छे साल 2002 से 2004 की शुरुआत तक थे. तब वही टीम खेल रही थी, जिसने जूनियर वर्ल्ड कप जीता था.

अब लखनऊ में हरजीत सिंह की कप्तानी में टीम जीती है. इसमें कई खिलाड़ी सीनियर टीम का हिस्सा बन चुके हैं. चाहे वो हरमनप्रीत सिंह हों या मनदीप सिंह. अरमान कुरैशी जैसे खिलाड़ी लगातार दस्तक दे रहे हैं. ऐसे में हमें मानना चाहिए कि सीनियर के मुकाबले जूनियर हॉकी टीम साल की बेस्ट टीम के लिए ज्यादा बड़ी हकदार है.

अब सवाल है कि जूनियर टीम या कोई क्रिकेट टीम? क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी की सीमित ओवर्स की टीम को इसलिए नहीं रखा जा सकता, क्योंकि सेमीफाइनल में पहुंचने को बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं माना जा सकता. टीम  जिस तरह सेमीफाइनल तक पहुंची, उसे लेकर भी सवाल उठाए जा सकते हैं. तो यकीनन मुकाबला टेस्ट टीम और जूनियर हॉकी टीम के बीच है.

टेस्ट में विराट कोहली की टीम ने साल में 12 टेस्ट खेले. कोई नहीं गंवाया. नौ जीते और तीन ड्रॉ रहे. अकेली ऐसी टीम रही, जिसने साल में कोई मैच नहीं हारा. 75 फीसदी मैच जीतना किसी भी लिहाज से छोटी बात नहीं होती. इसके अलावा, टीम ने जिस तरह प्रदर्शन किया है, वो काबिलेदाद है.

विराट कोहली का अपना प्रदर्शन भी कमाल का रहा. उनके साथ, अश्विन हों या रवींद्र जडेजा, इन सबने टीम की जीत में अपना योगदान दिया. जब भी कोई बल्लेबाज नहीं चला, गेंदबाज ने उसकी भरपाई की. स्पिनिंग ट्रैक पर भी तेज गेंदबाजों ने भारत को कामयाबी दिलाई. कई अहम विकेट शमी, उमेश यादव, भुवनेश्वर जैसे गेंदबाजों के नाम रहे.

ऐसे रिकॉर्ड पर आप कैसे किसी को साल की बेस्ट टीम नहीं कहेंगे? लेकिन सच यही है कि हम इस टीम को साल की बेस्ट टीम नहीं कह रहे हैं. साल की बेस्ट टीम जूनियर हॉकी टीम है.

एक तो, विश्व कप से आप बाकियों की तुलना नहीं कर सकते. दूसरा, भारतीय हॉकी लगातार नीचे ही जा रही थी. जहां से पिछले कुछ साल में वापसी करते हुए उसने डेढ़ दशक बाद कामयाबी पाई है.

तीसरा, क्रिकेट टीम का पूरा प्रदर्शन भारतीय सरजमीं पर था. भारत में टीम इंडिया का प्रदर्शन विदेशी सरजमीं से पूरी तरह अलग होता है. ऐसे में अगर क्रिकेट की टीम इंडिया विदेशी सरजमीं पर भी जीतती, तो उसका ज्यादा असर दिखाई देता.

फिर, जूनियर हॉकी टीम ने जिस तरह का खेल दिखाकर टूर्नामेंट जीता है, वो भविष्य की उम्मीदों को बहुत रोशन करता है. इसलिए इस साल की बेस्ट टीम जूनियर हॉकी टीम को मानना चाहिए.