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फिर सामने आया सुशील और नरसिंह यादव के बीच का झगड़ा

सुशील के खिलाफ नरसिंह ने लिखी खेल मंत्रालय को चिट्ठी

FP Staff

भारत को दो बार ओलंपिक मेडल दिलाने वाले पहलवान सुशील कुमार और उनके प्रतिद्वंदी नरसिंह यादव के रिश्तों में खटास एक बार फिर सामने आई है. डोपिंग के आरोप में निलंबित चल रहे  पहलवान नरसिंह यादव ने सुशील कुमार को राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त करने का विरोध किया है. उन्होंने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सुशील की नियुक्ति पर हितों के टकराव का आरोप लगाया है. नरसिंह ने पिछले सप्ताह खेल मंत्रालय को पत्र लिखा और सवाल उठाया कि सुशील कैसे राष्ट्रीय पर्यवेक्षक बन सकते हैं, जबकि वह छत्रसाल स्टेडियम अखाड़े में पहलवानों को तैयार करने से जुडे़ हैं. यह अखाड़ा उनके ससुर सतपाल चलाते हैं.

भारत के लिए ओलिंपिक में 2 पदक जीतने वाले सुशील उन 14 ओलिंपियन में शामिल हैं, जिन्हें खेल मंत्री ने इस साल अपने खेलों का राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। नरसिंह ने इसके साथ ही सवाल उठाया है कि सुशील को कैसे पर्यवेक्षक नियुक्त किया जा सकता है, जबकि रियो ओलिंपिक से पहले उनके खिलाफ गड़बड़ी करने के आरोप लगे थे.


रियो ओलंपिक से पहले नरसिंह को डोपिंग के आरोपों के कारण 4 साल के लिए निलंबित कर दिया गया था और नरसिंह ने इसे लिए सुशील पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया था.

नरसिंह और सुशील के बीच झगड़े की शुरूआत पुरुषों के 74 किग्रा भार वर्ग में ओलिंपिक सीट को लेकर हुई थी. सुशील ओलिंपिक क्वॉलिफायर्स में हिस्सा नहीं लिया था. जबकि नरसिंह ने भारत के लिए ओलंपिक कोटा  हासिल किया था.

सुशील इसके बाद अदालत की शरण में भी चले गए थे लेकिन उनकी की ट्रायल कराने की मांग को  दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी नामंजूर कर दिया था.इसके बाद नरसिंह हालांकि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी यानी नाडा द्वारा रियो ओलिंपिक से 10 दिन पहले कराए गए डोप परीक्षण में नाकाम रहे थे. नाडा ने हालांकि उन्हें क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन विश्व डोपिंग रोधी संस्था यानी वाडा ने उन्हें ओलिंपिक में भाग लेने से रोक दिया और उन्हें 4 साल के लिए निलंबित कर दिया था।