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विश्‍व महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप : सरिता देवी और मनीषा मौन का दिखा दम, प्रीक्वार्टर फाइनल में पहुंचीं

पदार्पण कर रहीं भारत की युवा मुक्केबाज मनीषा मौन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अमेरिका की क्रिस्टिना क्रूज को 54 किलोग्राम भारवर्ग मुकाबले में 5-0 से मात दी

FP Staff

पूर्व विश्व चैंपियन भारत की दिग्गज मुक्केबाज लैशराम सरिता देवी ने 10वें आईबा विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप का आगाज जीत के साथ करते हुए शुक्रवार को 60 किलोग्राम भारवर्ग के प्रीक्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है. सरिता ने पहले राउंड में बाई मिलने के बाद दूसरे राउंड के मुकाबले में स्विट्जरलैंड की सैंड्रा डियाना ब्रगर को 4-0 से मात दी. वहीं, पदार्पण कर रहीं भारत की युवा खिलाड़ी मनीषा मौन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अमेरिका की क्रिस्टिना क्रूज को 54 किलोग्राम भारवर्ग मुकाबले में 5-0 से मात देकर अंतिम-16 दौर में प्रवेश कर लिया.

12 साल बाद वापसी कर रहीं मणिपुर की मुक्केबाज सरिता ने मौके का पूरा फायदा उठाया और बाएं-दाएं के संयोजन से स्विट्जरलैंड की खिलाड़ी को पैर जमाने का मौका नहीं दिया. हालांकि सैंड्रा ने अच्छी वापसी की और सरिता पर कुछ अच्छे पंच बरसाए. दूसरे राउंड में दोनों मुक्केबाज जल्दबाजी में दिखीं और इसी कारण सटीक पंच नहीं लगा पाई, जिससे जज प्रभावित नहीं हुए. दूसरे राउंड के आखिरी में सैंड्रा ने कुछ अच्छे लेफ्ट पंच मारे तो वहीं सरिता ने भी उनका अच्छा जबाव दिया. तीसरे राउंड में, सरिता ने सीधे पंच बरसाए और फिर लेफ्ट तथा राइट के संयोजन से स्विट्जरलैंड की खिलाड़ी को परेशान किया. अंत में सरिता ने 4-0 (28-28, 29-28, 30-27, 29-28, 29-28) से मुकाबला अपने नाम किया. एक जज ने दोनों को बराबर अंक दिए तो वहीं बाकी जजों ने सरिता को आगे रखा.


मैच के बाद सरिता से जब पूछा गया कि क्या वह घबराई हुई थीं तो उन्होंने कहा कि वह अपनी विपक्षी खिलाड़ी को परख रही थीं. सरिता ने कहा, ‘मैं घबराई हुई नहीं थी. मैं बस अटैक करने से पहले उन्हें देख रही थी. दर्शकों का समर्थन भी काफी मायने रखता है. मैं सभी भारतीय प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करती हूं.’

मनीषा (57 किग्रा) अब क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिए 18 नवंबर को कजाखस्तान की डिना जोलामैन से भिड़ेंगी, जिन्होंने मिजुकी हिरूता को 4-1 से हराया. युवा मुक्केबाज मनीषा के लिए यह जीत इसलिए भी अहम रही क्योंकि उन्हें पहले ही दौर में विश्व चैंपियनशिप की पदकधारी क्रिस्टीना से भिड़ना पड़ा. लेकिन अब प्रीक्वार्टर फाइनल में उनकी चुनौती और बढ़ जाएगी क्योंकि उनका सामना अब 2016 विश्व चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता से होगा.

आत्मविश्वास से भरी हरियाणा की इस बैंथमवेट मुक्केबाज ने जीत के बारे में कहा, ‘मुझे खुशी हो रही है कि मैंने पहले दौर की बाधा पार कर ली. अगले दौर का मुकाबला मेरे लिए और ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगी क्योंकि वह विश्व चैंपियन रह चुकी है, लेकिन मैं इसके लिए भी तैयार हूं.’

मनीषा पहले भी कजाखस्तान की विश्व चैंपियन को हरा चुकी है. पोलैंड में हुई सिलेसियान ओपन प्रतियोगिता में उन्होंने डिना को और रूस की यूरोपीय चैंपियन को हराया था जिसके बाद फाइनल में हारकर उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था. मनीषा ने कोच की रणनीति के अनुसार शुरुआती दौर में क्रिस्टीना को समझना बेहतर समझा. इसके बाद ही उन्होंने अगले दो दौर में आक्रामकता बरती और क्रिस्टीना को पस्त किया. यह भारतीय मुक्केबाज इस साल फॉर्म में हैं, इंडिया ओपन में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी पोडियम स्थान हासिल कर चुकी हैं.

मनीषा ने शुरुआती दौर में बायें हाथ से लगाये शानदार घूसे से अंक जुटाए जिसके बाद उन्होंने अमेरिकी मुक्केबाज की रणनीति जानने का प्रयास किया. इसके बाद कोच से बात करने के बाद उन्होंने दूर रहकर घूंसे जड़े. बाद में उन्होंने कहा, ‘कोच ने मुझे कहा कि दूर रहकर सतर्क होकर घूसे लगाओ. मैंने अगले दोनों दौर में ऐसा ही किया और जीत हासिल की.’