view all

वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड के बाद अब ओलिंपिक गोल्ड पर हैं मैरीकॉम की निगाहें...

छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बनी मैरीकॉम का दावा- अब मुझे दिमाग से खेलना आ गया है

FP Staff

छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बनी एमसी मैरीकॉम इस चैंपियनशिप का बेस्ट बॉक्सर भी कररा दिया गया है. 48 किलोग्राम की कैटेगरी में अपने पंचों के अपनी विरोधियों को चित करने वाली मैरीकॉम को 10वीं बार यह रुतबा हासिल हुआ है.

वर्लड चैंपियन मैरीकॉम का कहना है कि अनुभव निश्चित रूप से काफी अहम होता है क्योंकि इससे ही आप विपक्षी से खेलने के लिये दिमागी रणनीति में बदलाव करके जीत हासिल कर पाते हो.


मैरीकॉम ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मेरी सारी प्रतिद्वंद्वी काफी मजबूत थी, लेकिन मैं इस वर्ग में पिछले इतने वर्षों से खेल रही हूं तो इसकी अनुभवी हो चुकी हूं. मुझे ओलंपिक के लिये पिछले तीन साल में 51 किग्रा में आना पड़ा जिसमें खिलाड़ी काफी लंबी और मजबूत हैं. इससे मैं मानसिक रूप से मजबूत हुई और आत्मविश्वास से भरी थी.’

पिछली बार भारत में 2006 में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में भारत ने आठ पदक (तीन स्वर्ण, एक रजत, तीन कांस्य) जीते थे तो इस स्वर्ण की तुलना उस चैंपियनशिप में जीते स्वर्ण से करने के बारे में मैरीकॉम ने कहा, ‘अगर तुलना करूं तो अब मैं दबाव से निपटना सीख गई हूं. तब मुझे इतना अनुभव नहीं था, तब मैं काफी थक जाती थी, लेकिन अब मुझे दिमाग से खेलना आ गया है. अब मुझे कोई आसानी से नहीं हरा सकता. मुकाबला जीतने के लिये चालाक होना जरूरी है. दिमाग से खेलना और सीखना महत्वपूर्ण है.’

मैरीकॉम की निगाहें अब 2020 टोक्यों ओलिंपिक में क्वालीफाई करने के लिये क्वालीफायर टूर्नामेंट पर लगी हुई है. उन्होंने कहा, ‘अब ओलंपिक के लिये क्वालीफायर और उपमहाद्वीपीय क्वालीफायर काफी अहम हैं. मैं कड़ी ट्रेनिंग करूंगी.’

मैरीकॉम की जीत के बाद उन्हें सोशली मीडिया पर बधाइंयों का सिलसिला जारी है.

(With Agency Input)