view all

विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप : युवा मुक्केबाज बड़ी चुनौती, लेकिन छठा स्वर्ण जीतने के लिए तैयार हैं मैरी कॉम

FP Staff

विश्व चैंपियनशिप में छठा स्वर्ण पदक जीतने की कवायद में लगी मशहूर मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम ने सोमवार को कहा कि वह युवा मुक्केबाजों की कड़ी चुनौती से पार पाने के लिए अपने अनुभव और ऊर्जा का इस्तेमाल करेंगी. 35 वर्षीय मैरी कॉम बुधवार से नई दिल्ली में शुरू होने वाली विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सातवीं बार हिस्सा लेंगी. वह पांच बार की विश्व चैंपियन, ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता के रूप में रिंग पर उतरेंगी.

मैरी कॉम ने टूर्नामेंट से पहले पत्रकारों से कहा, ‘मेरे वर्ग में ऐसी मुक्केबाज हैं जो 2001 से अब भी खेल रही हैं. मैं उन्हें अच्छी तरह से जानती हूं. नई मुक्केबाज अधिक दमदार और स्मार्ट हैं और वे चपल भी हैं. मैं अपने अनुभव का इस्तेमाल करूंगी. पुरानी मुक्केबाज अधिकतर एक जैसी हैं और मैं उन्हें जानती हूं. मुझे तीन राउंड तक खेलने के लिए ऊर्जावान बने रहने होगा. यह केवल एक राउंड का मामला नहीं है और इसलिए हमें उस हिसाब से रणनीति बनानी होगी.’


नौ देश टूर्नामेंट में पदार्पण करेंगे

महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में चार परिसंघों से नौ देश टूर्नामेंट में पदार्पण करेंगे. इस 10वें संस्करण में मुक्केबाजी का मजबूत देश माना जाने वाला स्कॉटलैंड भी पदार्पण कर रहा है. इससे पहले पांच परिसंघों के 102 राष्ट्र बीते नौ संस्करणों में हिस्सा ले चुके हैं. इस टूर्नामेंट की शुरुआत 2001 में हुई थी.

दूसरी बार कर रहा है दिल्ली मेजबानी

2006 के बाद से यह पहली बार है कि नई दिल्ली इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है. 2006 में हुए टूर्नामेंट में 33 देशों की 178 मुक्केबाजों ने हिस्सा लिया था. स्कॉटलैंड ने कुछ ही वर्ष पूर्व अपनी महिला टीम बनाई है. उसने इससे पहले कभी विश्व चैंपियनशिप में अपनी टीम नहीं उतारी. इस देश की तीन मुक्केबाजों में 19 साल की विक्टोरिया ग्लोवर हैं जो 57 किलोग्राम भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी.

(भाषा के साथ अन्य इनपुट भी)