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विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2017: भारत के देविंदर सिंह ने जैवलिन थ्रो के फाइनल के लिए किया क्वालिफाई

कोई भी भारतीय अब तक किसी विश्व चैंपियनशिप में पुरूषों की जैवलिन थ्रो स्पर्धा के फाइनल में नहीं पहुंचा है

Bhasha

देविंदर सिंह कांग विश्व एथलेटिक्स चैंपियनिशप की जैवलिन थ्रो स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए जबकि स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा क्वालिफिकेशन दौर से ही बाहर हो गए.

क्वालिफिकेशन दौर में ग्रुप बी में उतरे कांग ने तीसरे और आखिरी थ्रो में 83 मीटर के क्वालिफिकेशन मार्क को छुआ. उन्होंने 84 . 22 मीटर का थ्रो फेंका. पहले थ्रो में उन्होंने 82 . 22 का फासला नापा था जबकि दूसरे में 82 . 14 मीटर ही फेंक सके. कंधे की चोट से जूझकर आए पंजाब के इस 26 वर्षीय एथलीट पर आखिरी प्रयास में 83 मीटर का फासला नापने का दबाव था.


ग्रुप ए से पांच और ग्रुप बी से सात खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया और सभी शनिवार को फाइनल खेलेंगे.

कांग आखिरी क्वालिफाइंग राउंड के बाद सातवें स्थान पर रहे. उनका यह प्रदर्शन इसलिए भी सराहनीय है क्योंकि मई में दिल्ली में इंडियन ग्रांप्री में उन्हें कंधे में चोट लगी थी उन्होंने कंधे पर पट्टी बांधकर खेला था.

कोई भी भारतीय अब तक किसी विश्व चैंपियनशिप में पुरूषों की जैवलिन थ्रो स्पर्धा के फाइनल में नहीं पहुंचा है.

कांग ने कहा ,‘जब मुझे पता चला कि नीरज ने क्वालिफाई नहीं किया तो मैं फाइनल राउंड के लिए क्वालिफाई करना चाहता था. मैं देश के लिए कुछ करना चाहता था. ऐसा कुछ जो कभी किसी भारतीय ने नहीं किया हो. भगवान की कृपा से मैं ऐसा करने में कामयाब रहा.’ उन्होंने कहा ,‘मुझे मई में इंडियन ग्रांप्री के दौरान चोट लगी थी लेकिन यह कोई बड़ी समस्या नहीं थी. टीम के मालिश वाले आजकल यह पट्ठी बांधते हैं. मैं एकदम ठीक हूं लेकिन मुझे अपने दोस्त श्रीलंका के वारूना रंकोथ पेडिगे से मेरे तीसरे और आखिरी थ्रो से पहले कुछ स्ट्रेचिंग का अनुरोध करना पड़ा.’ उन्होंने कहा ,‘आराम के बाद चोट ठीक हो जाएगी. मैं 12 अगस्त को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके पदक जीतने की कोशिश करूंगा.’ कांग को जून में मरिजुआना के सेवन का दोषी पाया गया था लेकिन चूंकि यह पदार्थ वाडा की आचार संहिता के तहत निलंबन के दायरे में नहीं आता लिहाजा उन्हें टीम में जगह दी गई.

इससे पहले ग्रुप ए क्वालिफिकेशन में नीरज प्रभावित करने में नाकाम रहे. अपने युवा कंधों पर देश की उम्मीदों का भार लिए उतरे नीरज ने सर्वश्रेष्ठ 82 . 26 मीटर का थ्रो पहले प्रयास में फेंका. जूनियर विश्व रिकार्डधारी नीरज का दूसरा प्रयास फाउल रहा और तीसरे में वह 80 . 54 मीटर का थ्रो ही लगा सके.

उन्होंने कहा ,‘मैने अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन निराशा हाथ लगी. मैंने पहले थ्रो में काफी मेहनत की लेकिन कुछ सेंटीमीटर से चूक गया. दूसरे थ्रो में दिक्कत थी और तीसरा दूर रह गया. यदि कोच साथ आते तो अच्छा रहता लेकिन यह मेरे हाथ में नहीं था. मुझे पता ही नहीं चला कि आज क्या हो गया.’