एक ओर जहां भारतीय सुपरस्टार एमसी मैरी कॉम ने गुरुवार को दसवीं महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर अपने छठे विश्व खिताब की ओर मजबूत कदम बढ़ाए तो वहीं लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) को अंतिम चार में हारकर ब्रॉन्ज मेडल (कांस्य पदक) से संतोष करना पड़ा.
21 साल की लवलीना को वेल्टरवेट सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की चेन निएन चिन के खिलाफ 0- 4 से हार का मुंह देखना पड़ा. रैफरी ने लवलीना का तीसरे दौर में एक अंक काटा. भारतीय मुक्केबाज पहले भी इस मुक्केबाज से खेल चुकी हैं और तब भी वह उससे हार गई थीं. चीनी ताइपे की मुक्केबाज अब फाइनल में चीन की दूसरी वरीय होंग गू के सामने होंगी, जिन्होंने जर्मनी की तीसरी वरीय नादिने अपेट्ज को 4-1 से मात दी.
भारत की दो अन्य मुक्केबाज सोनिया (57 किग्रा) और सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) शुक्रवार को सेमीफाइनल में क्रमश: उत्तर कोरिया की जो सोन ह्वा और चीन की डान डोऊ के खिलाफ भाग्य आजमाएंगी.
तीन अन्य वजन वर्गों में 54 किग्रा बैंटमवेट का फाइनल बुल्गारिया की स्टोइका पेत्रोवा और लिन यू टिंग के बीच, 60 किग्रा लाइटवेट का फाइनल थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोनदी और आयरलैंड की कैली एने हैरिंगटन के बीच, 81 किग्रा लाइट हैवीवेट का फाइनल कोलंबिया की जेसिका पी सिनिस्टेरा और चीन की लिना वांग के बीच होगा.
पहली बार विश्व चैंपियनशिप में खेल रहीं लवलीना नतीजे से निराश थीं. उन्होंने कहा, ‘मेरे हिसाब से मुकाबला ठीक था, वो लड़की थोड़ी मुश्किल थी. अंतिम राउंड में मेरा अंक कटा. वह भी पकड़ रही थी, लेकिन मेरा ही अंक काटा गया.’
पहले राउंड में लवलीना की शुरुआत थोड़ी धीमी रही. लेकिन दूसरे राउंड में उन्होंने भरपाई की कोशिश की, पर विपक्षी मुक्केबाज जवाबी हमले में अच्छी थी और बेहतर अंक जुटाने में सफल रही. तीसरा राउंड दुर्भाग्यपूर्ण रहा जिसमें लवलीना का अंक काट लिया गया.
गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक से चूकने वाली लवलीना काफी निराश थीं. उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रमंडल खेलों में भी पदक से चूक गई थी. तब मैंने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य बनाया था, लेकिन आज ऐसा नहीं कर पाई. बहुत निराश हूं. लेकिन अब अगले टूर्नामेंट की तैयारी में जुट जाऊंगी.’