महिला विश्व चैंपियनशिप का आगाज हो चुका हैं और भारत की 10 मुक्केबाज चुनौतियां पेश करेंगी. जिसके पांच बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉम, पूर्व विश्व चैंपियन सरिता देवी, विश्व चैंपियन मेडलिस्ट सोनिया से देश का काफी उम्मीदें हैं, लेकिन सभी मुक्केबाज को विश्व चैंपियन का ताज पहनने के लिए कम से कम चार मुकाबले जीतने होंगे.
भारत की सात मुक्केबाजों को पहले दौर में बाइ मिली है, इसका मतलब चैंपियन बनने के लिए उन्हें चार मुकाबले और मेडल जीतने के लिए कम से कम दो मुकाबले जीतने होंगे. वहीं जिन्हें बाइ नहीं मिली हैं, उनके लिए इन सबमें एक मुकाबला और बढ़ गया. यानी खिताब के लिए पांच मुकाबले और मेडल के लिए कम से कम तीन मुकाबले जीतने होंगे, लेकिन इन सबके के इतर भारत की सीमा पूनियां को विश्व चैंपियनशिप का मेडलिस्ट बनने के लिए टूर्नामेंट में सिर्फ एक ही मुकाबला जीतना होगा और खिताब के लिए तीन मुकाबले. जानिए कैसे...
81 से अधिक भार वर्ग में भारतीय चुनौती पेश कर रही सीमा को पहले दौर में बाइ मिली है, जिससे वह सीधे ही क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लेंगी. जहां उनका सामना चीन की यांग जिओली से होगा और अगर वह यह मुकाबला जीत लेती हैं तो सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही वह एक मेडल भी पक्का कर लेंगी. हालांकि सीमा ने यह एक मुकाबला इतना भी आसान नहीं होगा, क्योंकि उनका सामना 81 किग्रा में लगातार दो बार की वर्ल्ड चैंपियन से होगा. चाइनीज खिलाड़ी ने 2014 जेजु और 2016 अस्ताना विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था.