2014 में भारत की सरिता देवी ने एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, लेकिन उन्हें इस ब्रॉन्ज मेडल की भारी कीमत भी चुकानी पड़ी थी. सेमीफाइनल मुकाबले में वह साउथ कोरियन खिलाड़ी पार्क जू पर हावी रही थी, लेकिन परिणाम उनके पक्ष में नहीं, जिसका उन्होंने विरोध भी दर्ज करवाया था. परिणाम से नाखुश सरिता ने मेडल सेरेमनी में अपना मेडल सिल्वर मेडलिस्ट पार्क को थमा दिया, जिस कारण उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन अब मुक्केबाज सहित कोच ऐसी स्थिति में अपना विरोध दर्ज करवा पाएंगें.
दिल्ली में दूसरी बार हो रहे महिला विश्व चैंपियनशिप के उद्घाटन समारोह पर मौजूद एआईबीए ने नए कार्यकारी अध्यक्ष टॉम विरगेट्स ने कहा कि अस्सी के दशक में हर ओलिंपिक में रैफरिंग पर सवाल उठाए जाते थे. अब हम अधिकारियों को भी ट्रेनिंग दे रहे हैं. टूर्नामेंट दर टूर्नामेंट अधिकारियों का आकलन होगा. उन्होंने यह कहा कि हमने एक विरोध प्रणाली भी कार्यक्रम में शामिल की है जो अगले साल से लागू होगी. इससे कोच और खिलाड़ियों को विरोध करने का मौका मिलेगा। अगर उन्हें लगता है कि उनके साथ धोखा हुआ है. अगर बाउट गलत हुई है तो इसे सही करने का तरीका भी होगा.
इस मौके पर मौजूद अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) के विवादास्पद अध्यक्ष गाफूर राखिमोव ने कहा कि मुक्केबाज को ओलिंपिक से नहीं हटाया जाएगा. इसीलिए इसके बारे में चिंता करने की जरुरत नहीं हैं. राखिमोव पर वित्तीय अनियमितताओं और अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था, लेकिन इसके बावजूद हाल में उन्होंने एआईबीए अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया. आईओसी ने ऐसा होने की स्थिति में ओलिंपिक से मुक्केबाजी को हटाने की भी धमकी दी थी और अब उनसे इसी संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा था.
राखिमोव ने कहा कि हमने आईओसी को रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें कई चिंताओं का जवाब दिया गया है जो कई वर्षों से चल रही थी.
रैफरिंग पर आईओसी का पूरा सहयोग
रैफरिंग, संचालन और अन्य मामलों को बताया गया है. एआईबीए को आईओसी की समर्थन की जरुरत है. राखिमोव ने कहा कि रैफरिंग पर आइबा को आईओसी से पूरा सहयोग मिल रहा है. आईओसी ने एक कंपनी रैफरिंग के लिए रखने की सलाह दी है जो देखरेख और आकलन करेगी कि रैफरिंग कार्यक्रम कैसे चलाया जाए. यह सिफारिश करेगी कि रैफरी प्रणाली में कैसे सुधार किया जाए.
एजेंसी इनपुट के साथ