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Women's Hockey World Cup 2018, India vs England: आखिरी मिनटों में इंग्लिश टीम को मिला भारतीय डिफेंस का तोड़, भारत को खेलना पड़ा ड्रॉ

25वें मिनट में नेहा गोयल भारत को बढ़त दिलवाने में सफल रही थी, लेकिन 53वें मिनट में मेजबान ने स्‍कोर बराकर कर दिया

Kiran Singh

मेजबान इंग्‍लैंड की ओर से आखिरी मिनटों में  दागे गए गोल के कारण भारतीय टीम को शनिवार से शुरू हुए महिला हॉकी विश्‍व कप का उद्घाटन मुकाबला ड्रॉ खेलना पड़ा. भारत की ओर से नेहा गोयल ने दूसरे क्‍वार्टर में ही भारत को बढ़त दिला दी थी, लेकिन ओलिंपिक चैंपियन इंग्‍लैंड ने मुकाबलें में आखिरी सात मिनट में गोल दागकर 1-1 से ड्रॉ करवा दिया. 60 मिनट के इस मुकाबले में इंग्‍लैंड को कुल 9 पेनल्‍टी कॉर्नर मिले, जिसे भारत ने बेहतरीन डिफेंस ने असफल किया. विश्व रैकिंग में 10वें नंबर पर काबिज भारतीय हॉकी टीम ने 8 साल बाद टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया है. पूल बी के पहले मुकाबले में दुनिया की दूसरे नंबर की टीम से खेलते हुए भारत की शुरुआत काफी आक्रामक रही थी.

पहला क्‍वार्टर:  मुकाबले के पहले ही मिनट में इंग्‍लैंड को पेनल्‍टी कॉर्नर मिला, लेकिन एश्‍ले के ड्रेग फ्लिक को भारतीय डिफेंडर्स ने बेकार कर दिया. शुरुआती मिनट में गेंद पर भारत का कब्‍जा अधिक रहा था और काफी आक्रामक भी दिख रही थी, लेकिन इसके बावजूद दोनों टीम इस क्‍वार्टर में बढ़त हासिल नहीं कर पाई थी


दूसरा क्‍वार्टर: भारतीय खेमे में खुशी का माहौल 25वें मिनट में बना, जब  नेहा गोयल ने फील्ड गोल दागकर भारत को बढ़त दिलाई. हालांकि इस गोल पर इंग्लिश टीम ने रिव्‍यू लिया था और एक समय भारतीय खेमे में सबसे चेहरे से खुशी गायब हो गई थी, लेकिन यहां इंग्‍लैंड ने अपना रेफरल गंवाया और भारत 1-0 से बढ़त हासिल करने में सफल रही.

तीसरा क्‍वार्टर: इस क्‍वार्टर में इंग्‍लैंड पहले हाफ समय के खेल की तुलना में काफी आक्रामक दिखी और लगातर अटैक करने शुरू किए. एक समय तो

एलेक्‍स डेसन ने भारतीय गोल पोस्‍ट के काफी नजदीक त‍क पहुंच गई थी, लेकिन भारतीय गोलकीपर सविता ने उनकी इस कोशिश को भी नाकाम कर दिया. तीसरे क्‍वार्टर में भारतीय डिफेंडर्स ही पूरी तरह से हावी रहे

चौथा क्‍वार्टर : दोनों ही टीमों के चौथा और आखिरी क्‍वार्टर काफी अहम रहा. इस क्‍वार्टर में भारतीय डिफेंडर्स चकमा खा गए. 48वें मिनट में  इंग्‍लैंड को एक के बाद एक पेनल्‍टी कॉर्नर मिला, लेकिन भारतीय डिफेंड एक बार फिर हावी रहा है. यह इंग्‍लैंड का छठां पेनल्‍टी कॉर्नर था, मोनिका को यहां ग्रीन कार्ड मिला.  इसके बाद एक और पेनल्‍टी कॉर्नर का फायदा मिला इंग्‍लैंड को,  जिसे भारत ने बचाया. 53वें मिनट में इंग्‍लैंड को एक और पेनल्‍टी कॉर्नर मिला और इस बार इंग्‍लैंड इसे भुनाने में कामयाब भी रहा. दरअसल इंग्‍लैंड की पहली कोशिश को सविता ने रोका, लेकिन उनकी यह कोशिश गलत रही और इंग्‍लैंड को शूट करने के लिए एक और मौका मिला, जिस पर लिली ने गोल दागकर इंग्‍लैंड को बराबरी पर ला कर खड़ा कर दिया और इंग्‍लैंड आखिरी मिनट तक इसे बराबर रखने में सफल रही.

नमिता के लिए था यह मैच खास

भारत की मजबूत मिडफील्‍डर नमिता टोप्‍पो के लिए यह मुकाबला काफी खास था, लेकिन वह इसे और अधिक खास नहीं बना पाई. टोप्‍पो का यह 150वां इंटरनेशनल मैच था. 23 वर्ष की टोप्‍पो ने 2012 में डबलिन में चैंपियंस चैलेंज में सीनियर टीम में पदार्पण किया था. न मिता उस टीम का हिस्सा थी जिसने 2013 में नयी दिल्ली में एफआईएच विश्व लीग राउंड दो में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.