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विंबलडन 2017 : घास के कोर्ट पर इस बार क्या खास करने वाले हैं फेडरर

रिकॉर्ड आठवीं बार विंबलडन चैंपियन बन सकते हैं रोजर फेडरर

Bhasha

स्विस स्टार रोजर फेडरर विंबलडन ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में ट्राफी के प्रबल दावेदार हैं. सोमवार से शुरू हो रही चैंपियनशिप में वह रिकॉर्ड आठवां खिताब हासिल करने की कोशिश करेंगे. अगर वह ऐसा कर पाए, तो टूर्नामेंट के सबसे उम्रदराज चैंपियन बन जाएंगे.

फेडरर अगस्त में 36 साल के हो जाएंगे. उन्हें 12 महीने पहले यहीं पर सेंटर कोर्ट में सेमीफाइनल में पांच सेट तक चले मुकाबले में मिलोस राओनिच से हार का मुंह देखना पड़ा था. इसके बाद आलोचकों ने उन्हें चुका हुआ लिख दिया था.


इस हार के बाद घुटने की चोट के कारण उन्हें साल के बचे हुए दौरे से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिससे वह 2012 तक के अपने 17 ग्रैंड स्लैम खिताब पर ही बरकरार रहे. पर इस साल जनवरी में उन्होंने अपना पांचवां आस्ट्रेलियन ओपन अपने नाम किया.

फेडरर सात विंबलडन खिताब जीतकर पीट सैंप्रास की बराबरी पर हैं. लेकिन अब वह उनसे आगे बढ़कर अपने मेजर ट्रॉफियों की संख्या 19 करना चाहेंगे. हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वी एंडी मरे और नोवाक जोकोविच बहुत अच्छी फॉर्म में नहीं हैं. वहीं राफेल नडाल भी अपने घुटने को लेकर थोड़े परेशान हैं. ऐसे में वह ग्रासकोर्ट का दबाव झेल पाएंगे, इसे लेकर संदेह है. इससे फेडरर का पलड़ा थोड़ा भारी ही दिखता है.

फेडरर अपने अभियान की शुरुआत यूक्रेन के एलेक्जेंडर दोलगापोलोव के खिलाफ करेंगे. उन्होंने कहा, ‘अगर एंडी शारीरिक रूप से शत प्रतिशत फिट रहते हैं तो मैं उन्हें खिताब जीतने के प्रबल दावेदारों में से एक मानूंगा. यह बिलकुल सरल बात है. इसी तरह नोवाक और राफा के साथ भी कुछ ऐसा ही है.’

हालांकि नडाल के लिए विंबलडन हमेशा ही कड़वे अनुभवों वाला टूर्नामेंट रहा है. वह 2008 में फाइनल में फेडरर को हराकर चैंपियन बने थे, जिसे सर्वश्रेष्ठ मुकाबला माना जाता रहा है. इसके बाद 2010 में भी उन्होंने खिताब जीता लेकिन वह 2006, 2007 और 2011 में उप विजेता ही रहे. चोट के कारण वह 2009 और 2016 में विंबलडन में नहीं खेल पाए. 2012-2015 में वह लुकास रोसोल, स्टीव डासर्सि, निक किरियोस और डस्टिन ब्राउन से हार गए थे.

नडाल ने स्वीकार किया कि अगर विंबलडन के घसियाले कोर्ट पर उन्हें घुटने में नई समस्या होती है तो उनका सफर फिर यहां छोटा ही रहेगा. वह शुरुआती दौर में ऑस्ट्रेलिया के जान मिलमैन से भिड़ेंगे और अगर सब ठीक ठाक रहा तो वह फाइनल में फेडरर से भिड़ सकते हैं.

पिछले चैंपियन मरे कूल्हे की समस्याओं से जूझ रहे हैं. इससे वह इस हफ्ते ट्रेनिंग के दौरान दर्द से कराहते भी दिखे. उनका सामना एलेक्सजैंडर बुलब्लिक से होगा. वह 2013 में भी यहां खिताब जीत चुके हैं. वहीं तीन बार के चैंपियन जोकोविच की पहले दौर में भिड़ंत स्लोवाकिया के मार्टिन क्लियान से होगी.