view all

जो नवरातिलोवा नहीं कर पाईं, क्या वीनस वो कर पाएंगी?

1994 में नवरातिलोवा के बाद सबसे उम्रदराज फाइनलिस्ट हैं वीनस

Manoj Chaturvedi

37 साल.. ये उम्र तो टेनिस में रिटायर होकर कोच बन जाने की होती है. लेकिन विलियम्स बहनें किसी और मिट्टी से बनी हैं. 37 साल की वीनस विलियम्स ने जिस अंदाज में विंबलडन के फाइनल में जगह बनाई है, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है.

असल में वीनस से फाइनल में हारने वाली योहान कोंटा आजकल  ब्रिटेनवासियों  के दिलो-दिमाग पर छाई हुई हैं. इसलिए कोंटा के खिलाफ जो भी खेलने उतरा उसे ऑल इंग्लैंड क्लब के सेंटर कोर्ट पर 15000 दर्शकों का भी सामना करना पड़ा. इस दवाब में ही सिमोना हालेप क्वार्टर फाइनल में कोंटा से हार गई थीं. लेकिन वीनस ने इस बार लौटने  के बाद अपने खेल को जो ऊंचाइयां दी हैं, उसके सामने टिकना किसी के बस में नजर नहीं आता है. यही वजह है कि कोंटा ने हारने के बाद कहा कि वीनस विलियम्स ने पहली गेंद से लेकर आखिरी गेंद तक खेल पर दबदबा बनाए रखा.


वीनस ने अपने कॅरियर में कई बार वापसी की है. लेकिन इस बार वह वापसी करने के बाद चैंपियनों वाले अंदाज में लौटी हैं. वह इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में भी पहुंची. यह उनका किसी भी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट का 2009 के बाद पहला फाइनल था. लेकिन वह फाइनल में अपनी छोटी बहन सेरेना विलियम्स से हार गई थीं.

इस बार वीनस विम्बलडन सेमीफाइनल में कोंटा के खिलाफ जिस तरह से खेली हैं, उससे लगता नहीं है कि मुगुरुजा के लिए फाइनल में उनसे पार पाना आसान होगा. उन्होंने इस मुकाबले में कोंटा के एक के मुकाबले सात ऐस लगाए और उनकी पहली सर्विस का प्रतिशत भी बेहतर रहा है.

1994 में नवरातिलोवा के बाद सबसे उम्रदराज फाइनलिस्ट

वीनस विलियम्स विंबलडन फाइनल में स्थान बनाने वाली मार्टिना नवरातिलोवा के बाद दूसरी सबसे ज्यादा उम्र की खिलाड़ी हैं. वीनस इस समय उम्र 37 साल और 29 दिन है. वहीं नवरातिलोवा ने 1994 में 37 साल 258 दिन की उम्र में फाइनल में स्थान बनाया था. पर वीनस के सामने सबसे ज्यादा उम्र में विम्बलडन चैंपियन बनने का मौका है क्योंकि नवरातिलोवा उस समय फाइनल में हार गई थीं.

विलियम्स बहनों की बोंडिंग से सारा टेनिस जगत वाकिफ है और वह हमेशा एक-दूसरे की मदद के लिए खड़ी नजर आती हैं. कोंटा वीनस को अपना आदर्श मानती हैं. वीनस ने जब पहला फाइनल में खेला होगा तब कोंटा किसी प्राथमिक स्कूल में पढ़ रही होंगी. पर वह अपने आदर्श के हाथों हार को पचाने में सफल नहीं रहीं. यही वजह थी कि वह वीनस के आने का इंतजार किए बगैर ही कोर्ट से निकल गई.

वीनस विलियम्स में भले ही एक दशक पुरानी खिलाड़ी नजर आ रही है. लेकिन उनकी इन सफलताओं के पीछे पक्के भरोसे का सबसे बड़ा हाथ है. उन्हें मुगुरुजा से फाइनल जीतने का भी भरोसा है. वह कहती हैं कि सेरेना मुगुरुजा से पहले खेल चुकी है, इसलिए मैं उससे कुछ ऐसी टिप्स लेना चाहती हूं, जो मैच में प्रमुख अंतर बन सकें.

वीनस जीतीं, तो उनका आठवां ग्रैंड स्लैम खिताब होगा

वीनस अगर विंबलडन का यह खिताब जीतती हैं तो यह उनका 2008 के बाद पहला और कुल आठवां ग्रैंड स्लैम खिताब होगा. उन्होंने 2008 में विंबलडन खिताब के तौर पर ही आखिरी ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था. वह 2009 में भी विंबलडन फाइनल में पहुंची. पर इसके बाद उनका कॅरियर पटरी से उतर गया. इसमें चोटों की समस्या ने अहम भूमिका निभाई. वह इसके बाद काफी समय नियमित तौर पर नहीं खेलीं और रैंकिंग में भी पिछड़ती गई.

वीनस ने 2015 के आखिर में वापसी के लिए गंभीर प्रयास शुरू किए और 2016 में विंबलडन सेमीफाइनल तक चुनौती पेश करने के अलावा कुछ खास नहीं कर सकीं. लेकिन उन्होंने इस साल की शुरुआत शानदार ढंग से करके जता दिया है कि उनमें अभी भी दम है.

20 साल पहले यूएस ओपन फाइनल में पहुंची थीं वीनस

वीनस 1997 में पहली बार यूएस ओपन के फाइनल में पहुंचीं. उससे लेकर अब तक 20 साल का समय हो गया है. टेनिस जैसे खेल में किसी खिलाड़ी का दो दशक तक टिके रहना मायने रखता है. वह असल में दो पीढ़ियों के साथ खेली हैं. एक समय उनकी मार्टिना हिंगिस के साथ प्रतिद्वंद्विता मशहूर थी. दोनों के बीच कुल 21 मुकाबले खेले गए, जिसमें 11-10 से हिंगिस आगे रहीं.

यह सच है कि वीनस विलियम्स जिस क्षमता वाली खिलाड़ी हैं, उन्हें उस हिसाब से सफलताएं नहीं मिली हैं. मुझे लगता है कि इसमें बहन सेरेना विलियम्स से प्रेम ने भी अहम भूमिका निभाई है. इस सच से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि वह सेरेना के खिलाफ कभी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकीं. 2002 के बाद कुछ साल ऐसे थे, जब महिला टेनिस पर विलियम्स बहनों का दबदबा था और दोनों ही ग्रैंड स्लैम फाइनलों में पहुंचती थीं.

उस दौरान फाइनल में अच्छे स्तर का प्रदर्शन देखने को मिलना बंद हो गया था. इसे दोनों बहनों के बीच खेले गए मैचों के परिणामों से भी समझा जा सकता है. दोनों के बीच खेले गए 28 मैचों में से 17 में सेरेना जीते हैं. इसी तरह दोनों के बीच नौ ग्रैंड स्लैम फाइनल खेले गए, जिसमें सिर्फ दो बार ही वीनस जीत सकीं. इसमें कहीं न कहीं बड़ी बहन का छोटी बहन के लिए बलिदान भी नजर आता है.