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एक विवाह ऐसा भी... शादी के मंडप में दुल्हन ने उठाया धनुष तो हैरत में पड़े ससुराल वाले

महाराष्ट्र के अहमदनगर की स्वामिनी ने जयमाला की रस्म से पहले दिखाया अपनी तीरंदाजी का हुनर

Sumit Kumar Dubey

भारत में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों से लेकर लोक-कथाओं में शादी –विवाह के मौके पर धनुष-वाण की भूमिका को काफी महत्ता दी गई है. तमाम किस्सों-कहानियों में विवाह के वक्त में धनुष का जिक्र होता रहा है.

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में भी बीती 10 जुलाई को एक विवाह ऐसा भी हुआ जिसमें धनुष-वाण के किस्से आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय बन गए हैं.


रामायण में शिवजी के धनुष को तोड़ने वाली भगवान श्रीराम की कहानी और महाभारत में द्रौपदी के स्वयंवर में मछली की आंख पर निशाना लगाने वाली अर्जुन की कहानी और इस विवाह के किस्से में एक मूल अंतर यह है कि इस विवाह में धनुष, वर के नहीं बल्कि वधू यानी दुल्हन के हाथ में था और मकसद था दुल्हन के तीरंदाजी हुनर का इम्तेहान, जिसमें वह अव्वल नंबरों के पास हुई.

अहमदनगर श्रीरामपुर तहसील की स्वामिनी यूनिवर्सिटी लेवल पर तीरंदाजी की खिलाड़ी है. 24 साल की स्वामिनी का विवाह मुंबई के कल्याण इलाके में रहने वाले प्रसाद भांगे के साथ तय हुआ. शादी से पहले जब स्वामिनी के ससुराल वालों को उनके तीरंदाज होने की खबर लगी तो उन्होंने उनके इस हुनर को देखने की फरमाइश कर दी.

स्वामिवी के कोच अभिजीत दल्वी ने फर्स्टपोस्ट हिंदी को अहमद नगर से बताया है कि स्वामिनी ने तय किया कि वह शादी के वक्त ही अपने ससुराल वालों का अपनी तीरंदाजी की काबिलीयत से रूबरू करवाएंगी.

शादी के स्थान पर ही तीरंदाजी की स्टेज भी सेट की गई और जयमाला की रस्म से पहले ही स्वामिनी ने धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाकर अपने तीरों को निशाने पर लगाना शुरू कर दिया. उनके तीनों तीर निशाने पर लगे.

स्वामिनी की इस काबिलीयत को देखकर उनके ससुराल वाले हैरत में पड़ गए और यह शादी आसपास के इलाकों में सोशल मीडिया पर चर्चा में छाई हुई है.

तीरंदाजी की स्वराज एकेडमी चलाने वाले अभिजीत बताते हैं कि स्वामिनी तीरंदाजी में अपने करियर को लेकर बेहद संजीदा है और एक दिन भारत के लिए खेलना चाहती हैं. स्वामिनी के सुसराल वाले भी अब मुंबई के कल्याण इलाके के आसपास की किसी एकेडमी में स्वामिनी की ट्रेनिंग को बरकरार रखने का मन बना चुके हैं.