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आनंद के लिए खत्म हुआ 14 साल का 'वनवास', फिर बने वर्ल्ड चैंपियन

विश्वनाथन आनंद ने वर्ल्ड रैपिड चेस टूर्नामेंट में रूस के व्लादिमिर फेदोसीव को मात देकर 14 साल बाद जीता खिताब

FP Staff

शराब के बारे में कहा जाता है कि जितनी पुरानी हो, उतनी कीमती होती है. विश्वनाथन आनंद की शराब के साथ तुलना तो ठीक नहीं. लेकिन वो जिस तरह उम्रदराज होने के बावजूद चैंपियन होने की भूख जगाए हुए हैं, उसे बयां करना आसान नहीं. सऊदी अरब के रियाध में विश्नाथन आनंद ने दुनिया का सरताज होने का काम एक बार फिर किया है. वो वर्ल्ड रैपिड चेस टूर्नामेंट जीत गए हैं. उन्होंने फाइनल राउंड में रूस के व्लादिमिर फेदोसीव को मात दी. इस जीत के साथ 14 साल बाद आनंद ने एक बार फिर रैपिड चेस में वर्ल्ड चैंपियन बनने का एजाज़ हासिल किया है.

आनंद के लिए शायद सबसे अहम नौवां राउंड था, जब उन्होंने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मैग्नस कार्ल्सन को हराया था. इस जीत ने शायद उन्हें यह भरोसा दिया होगा कि अब चैंपियन से कम कुछ नहीं. आखिरी पांच राउंड शुरू होने तक वो संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर थे. लेकिन जब सबसे ज्यादा जरूरत थी, तो वो चैंपियन की तरह आए. टाई ब्रेक में उन्होंने फेदोसीव और इयन नेपोम्नियाशी को मात दी. अधिकतम 15 में उन्होंने 10.5 अंक हासिल के. फिर दो गेम के टाई ब्रेक में आनंद ने फेदोसीव को हराकर खिताब जीत लिया.


गुरुवार को आनंद ने दो ड्रॉ खेले. फिर 14वें राउंड में रूस के एलेक्जेंडर ग्रिश्चुक को हराया. ये 14वां राउंड था और आनंद सफेद मोहरों से खेल रहे थे. लीडर कार्लसन को रूस के व्लादिस्लाव आर्तेमिएव ने ड्रॉ पर रोक दिया. इससे आनंद संयुक्त रूप से टॉप पर आ गए. फाइनल राउंड में आनंद ने चीन के बू शियांगजी के खिलाफ ड्रॉ खेला. दूसरी तरफ कार्लसन को ग्रिश्चुक ने हरा दिया. इससे आनंद की राह खुल गई.

15 राउंड के बाद आनंद अजेय थे. उनके हिस्से छह जीत और नौ ड्रॉ थे. पूर्व विश्व नंबर एक ने इसके बाद खिताब जीता. आनंद क्लासिकल फॉरमेट में भी वर्ल्ड चैंपियन थे. यहां उन्होंने अपना ताज 2013 में खोया था, जब कार्ल्सन ने उन्हें हरा दिया था. रैपिड में आनंद 2003 में व्लादिमिर क्रैमनिक को फाइनल में हराकर जीते थे. आनंद के लिए सीजन बहुत अच्छा नहीं रहा है. लेकिन इसका अंत उन्होंने शानदार तरीके से किया. जीत के बाद उन्होंने ट्वीट करके सबको धन्यवाद दिया और अपनी भावनाओं को इजहार किया.

अन्य भारतीय खिलाड़ियों में पी. हरिकृष्ण 16वें, सूर्यशेखर गांगुली 60वें, संतोष गुजराती 61वें, बी. वादिभान 61वें और एसपी सेतुरमण 96वें स्थान पर रहे. आनंद की जीत के बाद तमाम बड़े खिलाड़ियों ने उन्हें बधाई दी है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने  भी उन्हें बधाई दी.