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अमेरिकी दूतावास ने रोका भारतीय तीरंदाजों का वीजा, विश्व तीरंदाजी संघ ने दिया दखल

वीजा रोकने की बताई अजीब वजह, दूतावास को आशंका थी तीरंदाजी टीम वापस नहीं आएगी

Sumit Kumar Dubey

अमेरिकी दूतावास के भारतीय तीरंदाजी टीम का वीजा रोके जाने से, तीरंदाजी वर्ल्ड कप के लिए भारतीय महिला टीम की भागीदारी पर संकट मंडरा रहा है. यह वर्ल्डकप अमेरिका के सॉल्ट लेक सिटी में 18 से 26 जून के बीच खेला जाएगा.

भारतीय तीरंदाजी संघ की ओर से इस टूर्नामेंट के लिए आठ सदस्यीय दल के लिए वीजा की अर्जी लगाई थी. अमेरिकी दूतावास ने इसमें तीन सदस्यों का वीजा तो जारी कर दिया लेकिन सना तोंबा सिंह, इशांबी देवी, मिलिंद हिवराला के साथ कोच प्रकाश राम और फिजियो सुखदेव  का वीजा रोक दिया.


दूतावास ने वीजा रोकने की जो वजह बताई वो और भी ज्यादा चौंकाने वाली है. दूतावास के मुताबिक उन्हें शक था कि ये लोग लौटकर भारत वापस नहीं आएंगे. ईशांबी देवी को महिलाओं की कंपाउंड टीम में भागीदारी करनी है जो 21 जून से शुरू होगा.

वीजा ना देने के अमेरिकी दूतावास के फैसले के बाद भारतीय तीरंदाजी संघ ने  विश्व तीरंदाजी संघ और स्थानीय आयोजकों से बात की. उनकी सलाह पर दोबारा वीजा के लिए अर्जी दे दी है.

तीरंदाजी संघ के पदाधिकारी गुंजन अबरोल ने फर्स्टपोस्ट हिंदी को बताया कि इस नई अर्जी के बाद शुक्रवार को दल के इन सदस्यों का बोयमेट्रिक टेस्ट हो चुका है. उन्हें उम्मीद है कि अगर सोमवार यानी 19 जून को भी  वीजा मिलता है, तो उसी दिन टीम को रवाना कर दिया जाएगा, ताकि महिलाओं की कंपाउंड टीम के इवेंट में भागीदारी की जा सके. पहले भारतीय दल को 18 जून को अमेरिका रवाना होना था.

दो साल पहले भी अमेरिका में हुए तीरंदाजी की यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए 20 तीरंदाजों का वीजा रोक दिया था. उस वक्त भारतीय तीरंदाजी संघ ने पूरी टीम को ही चैंपियनशिप में नहीं भेजा था. वहीं विश्व तीरंदाजी संघ ने अमेरिका में टूर्नामेंट्स की मेजबानी पर पाबंदी लगाने की धमकी दी थी.