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भारतीय तीरंदाजों को झटका, तीरंदाजी संघ की खत्म हो सकती है मान्यता!

आर्चरी की वर्ल्ड फेडरेशन ने भारतीय आर्चरी ऐसोसिएशन के चुनाव को नहीं दी मान्यता

FP Staff

हाल ही में भारतीय तीरंदाजी संघ के चुनाव के बाद उम्मीद बंधी थी कि भारतीय तीरंदाजों को अब मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगी लेकिन अब भारत को एक तगड़ा झटका लगा है.

तीरंदाजी की विश्व संचालन संस्था ने भारतीय तीरंदाजी संघ यानी एएआई के हाल में हुए चुनावों को मान्यता देने से इनकार कर दिया और इससे एएआई पर निलंबन भी लग सकता है.


विश्व तीरंदाजी ने बीवीपी राव को सूचित किया कि वह हाल में हुए चुनावों को स्वीकार नहीं करती क्योंकि वे आम सभा की मंजूरी के बिना आयोजित किये गए थे. 22 दिसंबर को हुए एएआई के चुनाव में राव को अध्यक्ष चुना गया था.

विश्व संस्था ने एक पत्र में कहा, ‘मुझे खेद है कि आपको यह सूचित करना पड़ रहा है कि विश्व तीरंदाजी कार्यकारी बोर्ड इस समय 22 दिसंबर को हुए आम सभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार नहीं कर सकते, साथ ही अध्यक्ष के तौर पर आपके चयन तथा बोर्ड के सभी सदस्यों को स्वीकार नहीं कर सकते.’

विश्व तीरंदाजी ने कहा कि यह फैसला इसलिये लिया गया क्योंकि चुनाव आयोजित कराने के लिये जिस संविधान का इस्तेमाल किया गया, उसे ‘कभी भी अधिकारिक रूप से मंजूरी’ नहीं दी गयी थी और इसे केवल निर्वाचन अधिकारी ने ही स्वीकार किया था.

विश्व तीरंदाजी के महासचिव टॉम डिलेन द्वारा लिये पत्र के अनुसार, ‘हम इस मामले की पुष्टि के लिये 25 जनवरी 2019 से पहले आपसे 22 दिसंबर को आम सभा के पूरे मिनट मुहैया कराने के लिये कहेंगे. ब्यौरा मिलने के बाद विश्व तीरंदाजी कार्यकारी बोर्ड इसके बाद विश्व तीरंदाजी कार्यकारी बोर्ड भारतीय तीरंदाजी संघ के संभावित निलंबन पर फैसला करेगा.’

इसका मतलब होगा कि 22 दिसंबर को चुने गये एएआई के अधिकारी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिये भारतीय तीरंदाजों का चयन नहीं सकेंगे.

हाल ही में अदालत द्वारा बनाए गए प्रशासक और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने इन चुवों का आयोजन कराया था. इस चुनाव में भारतीय तीरंदाजी संघ पर से चार दशक पुराना वीके मल्होत्रा के रज का खात्मा हुआ था.

(इनपुट भाषा)