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अलविदा 2016: खेलों के टॉप 10 विवाद

इस साल भारतीय खेलों में किन विवादों ने बनाई सुर्खियां

Shailesh Chaturvedi

साल आता है, तो उम्मीदों के साथ. जाता है तो कई उम्मीदें निराशा में बदलती हैं. कई विवाद खेलों को अपनी जकड़ में ले लेते हैं. 2016 इससे अलग नहीं था. पूरे साल खेल दुनिया विवादों में रहीं.

1 - अदालत में भारतीय क्रिकेट


जिस साल ओलिंपिक होते हैं, उस साल विवादों में सबसे ज्यादा उससे जुड़ा मसला ही होता है. लेकिन 2016 ओलिंपिक वर्ष होने के बावजूद क्रिकेट के विवादों के लिए याद किया जाएगा. आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का मामला इस कदर आगे बढ़ जाएगा, ये बीसीसीआई ने भी नहीं सोचा होगा. इन विवादों के चलते बीसीसीआई में सफाई अभियान का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट ने उठाया. लोढ़ा पैनल बना. उनकी सिफारिशें लागू करने में बीसीसीआई ने आनाकानी की. फैसला नए साल में होना है. लेकिन अगर पैनल की सिफारिशें पूरी तरह लागू होती हैं, तो बीसीसीआई पूरी तरह बदल जाएगा. पूरे साल बीसीसीआई, लोढ़ा पैनल और सुप्रीम कोर्ट के बीच होते एक्शन पर नजरें रहीं. साल का सबसे बड़ा विवाद यही रहा.

2 - आईसीसी बनाम बीसीसीआई

बीसीसीआई ने उम्मीद की होगी कि एक भारतीय अगर आईसीसी जाएगा, तो भारत की ताकत और बढ़ेगी. लेकिन शशांक मनोहर ने सारी उम्मीदें तोड़ दीं. रेवेन्यू से लेकर भारत की ताकत को लेकर मनोहर के रवैये ने बीसीसीआई को निराश किया. बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर साल भर बताते रहे कि कैसे जब सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब मनोहर ने बीसीसीआई का साथ छोड़ दिया. कई अहम मीटिंग में बीसीसीआई को बुलाया तक नहीं गया. कुछ साल पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि ऐसा होगा.

3 - नरसिंह यादव विवाद

2015 का अंत नरसिंह यादव से उम्मीदों के साथ हुआ था. वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक के साथ उन्होंने रियो ओलिंपिक के लिए कोटा पाया था. विवादों की जड़ थी उस समय कुश्ती संघ की तरफ से कहा जाना कि कोटा देश का होता है, खिलाड़ी का नहीं. ऐसे मे खिलाड़ी का फैसला बाद में होगा. 74 किलो वर्ग में नरसिंह थे. इसी वर्ग में सुशील कुमार अभ्यास कर रहे थे. जब तय हुआ कि फेडरेशन सुशील को नहीं भेजेगा, तो वो अदालत चले गए. अदालत का फैसला भी नरसिंह के पक्ष में आया. इस बीच नरसिंह सोनीपत में हुए डोप टेस्ट में दोषी पाए गए. तमाम राजनीतिक दबाव के बीच उन्हें नाडा ने बरी किया. लेकिन रियो में वाडा पैनल ने चार साल का बैन उन पर लगा दिया. 2016 का साल नरसिंह कभी नहीं भूल पाएंगे.

4 - पानी और आईपीएल

लोग प्यास से मर रहे हैं और आप मैदान पर पानी बहा रहे हैं... ये ऐसी लाइन है, जो सीधे दिलों को छूती है. भले ही लॉजिक के लिहाज से इसका कोई मतलब न हो. देश के तमाम राज्यों में सूखे के बीच आईपीएल का होना लोगों को नहीं भाया. आखिर कई मैचों को महाराष्ट्र से हटाने का फैसला अदालत ने किया. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने विवाद को गैर-जरूरी बताया. स्टेडियम के रख-रखाव पर आईपीएल के मैच होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ना था. उसके बावजूद विवाद कई सप्ताह तक टीवी और अखबारों की सुर्खियां बना रहा.

5 - टेनिस के ‘बैकहैंड और क्रॉसकोर्ट’

टेनिस संघ के चुनावों से लेकर ओलिंपिक में खिलाड़ियों के चयन तक सब कुछ इस साल विवादों में रहा. संघ के विवाद तो साल के आखिर में खत्म होते नजर आ रहे हैं. लेकिन टीम को लेकर विवाद नहीं थम रहे. रियो ओलिंपिक में भारत ने इसका खामियाजा भुगता. लिएंडर पेस और रोहन बोपन्ना ने एक-दूसरे की शक्ल देखे बगैर कोर्ट में उतरने का फैसला किया. ऐसे में फेल होना तय लग रहा था और हुआ भी वही. मिक्स्ड डबल्स में बोपन्ना और सानिया मिर्जा की जोड़ी ने पदक का मौका गंवाया. इसके बाद सही टीम न चुने जाने को कारण बताते हुए लिएंडर पेस के बयान ने नाराजगी बढ़ाई.

साल खत्म होते-होते महेश भूपति को डेविस कप टीम का कप्तान बनाए जाने ने भविष्य बेहतर करने की ओर कदम बढ़ाया है. लेकिन वर्तमान गैर खिलाड़ी कप्तान आनंद अमृतराज के उस बयान पर नजर रखिएगा. अमृतराज ने कहा कि मैं देखना चाहता हूं कि भूपति सारे मामलों को कैसे हैंडल करते हैं.

6 - आईओए के विवाद

ओलिंपिक साल में हमेशा भारतीय ओलिंपिक संघ यानी आईओए विवादों में होता है. इस साल भी ऐसा ही रहा. लेकिन विवाद ज्यादा रहा अध्यक्ष एन. रामचंद्रन को लेकर. दिलचस्प था कि क्रिकेट में उनके भाई एन. श्रीनिवासन की वजह से विवाद रहा. हॉकी इंडिया सहित कई फेडरेशन उनके खिलाफ खड़ी दिखाई दीं. अच्छी बात यह रही कि साल खत्म होते-होते दोनों पक्ष हाथ मिलाते नजर आए.

एक और विवाद हुआ, जब सलमान खान को ओलिंपिक्स का ब्रैंड एम्बैसेडर बनाया गया पहलवान योगेश्वर दत्त और मिल्खा सिंह समेत कई लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई.

7 - सरदार सिंह पर आरोप

भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह पर भारतीय मूल की ब्रिटिश लड़की ने रेप का आरोप लगाया. हॉकी सर्किल में सबको ही पता था कि पिछले कई साल से सरदार और लड़की साथ दिखाई देते थे. दोनों में किसी ने भी रिश्ता छुपाने की कोशिश नहीं की. रिश्ते में कड़वाहट आई, फिर आरोप आए. मामला अदालत में चला गया. सरदार को ओलिंपिक में कप्तान न बनाए जाने के पीछे ये आरोप भी थे. हालांकि फेडरेशन ने पूरी तरह सरदार का साथ दिया. मामला अब भी चल रहा है.

8 - खेल मंत्री और उनके स्टाफ का ‘खेल’

रियो ओलिंपिक के समय आयोजन समिति की तरफ से आए एक मेल ने हड़कंप मचा दिया. खेल मंत्री विजय गोयल का एक्रेडिटेशन रद्द करने को लेकर आयोजन समिति ने मेल किया था. उसमें कहा गया था कि मंत्री के साथ आए लोगों का व्यवहार ठीक नहीं है. ऐसा जारी रहा तो एक्रेडिटेशन रद्द कर दिया जाएगा. मंत्री को फोटो मंत्री कहा गया, जो हर जगह तस्वीर खिंचाने के लिए तैयार रहते थे. कहा ये भी गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद विजय गोयल से बात की. विजय गोयल वापस आए और कहा जाता है कि स्टाफ के एक सदस्य को उन्होंने वापसी के साथ एयरपोर्ट पर ही हटा दिया.

9 - एथलेटिक्स में ओपी जैशा के आरोप

ओपी जैशा ने पूरे खेल जगत को अपने आरोपों से हिला दिया. उन्होंने कहा कि मैराथन के दौरान उन्हें पानी नहीं दिया गया. कोई भारतीय स्टॉल पर नहीं था. जैशा बेहद गरीब घर से आई हैं. उनके आरोपों को गंभीरता से लिया गया. लेकिन बाद में पाया गया कि आरोप सच नहीं हैं. नियमों के मुताबिक स्टॉल पर पानी था. ये अगल बाद है कि पर्सनल ड्रिंक नहीं था. कोच के मुताबिक पर्सनल ड्रिंक के लिए जैशा ने मना किया था. हालांकि जैशा इसे गलत बताती रहीं.

10 - डोपिंग की कालिख

एक बार फिर डोपिंग की कालिख भारतीय खेलों पर छाई रही. धरमबीर सिंह पर आठ साल का बैन लगा. उन्हें रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था. इसी तरह का काम इंदरजीत सिंह के साथ हुआ. इंदरजीत ने इसे साजिश करार दिया.