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इतिहास में ‘तैमूर’ था तो मत भूलिए एक ‘टाइगर’ भी था…

सैफ और करीना के बेटे के नाम पर विवाद के बीच कुछ और लोगों को भी याद करने का वक्त

Shailesh Chaturvedi

इस वक्त सैफ अली खां और करीना कपूर के बेटे का नाम तैमूर रखने पर जंग जैसी छिड़ गई है. हमें याद रखना चाहिए कि खेलों में कुछ अजीब नाम रखा जाना कोई नई बात नहीं है. जो लोग तैमूर नाम रखने पर आपत्ति कर रहे हैं, उन्हें सैफ के पिता के बारे में जानना चाहिए. मंसूर अली खां पटौदी को पहला ‘भारतीय’ कप्तान मानने वालों की कमी नहीं है. पटौदी ने अलग-अलग जगहों से आए अलग-अलग लोगों को एक टीम की तरह खेलना सिखाया.

गुंडप्पा विश्वनाथ ने कुछ समय पहले पटौदी का जिक्र किया था. पटौदी को वो हमेशा टाइगर कहते हैं. उन्होंने बताया था कि कैसे पटौदी ने उन्हें टीम में शामिल करने के लिए तबके चीफ सेलेक्टर विजय मर्चेंट को मनाया था. विश्वनाथ ने एक कार्यक्रम में अपने पहले टेस्ट के बारे में भी जानकारी दी थी, ‘मैं जीरो पर आउट हो गया. लग रहा था कि दुनिया खत्म हो गई. अचानक किसी ने कंधे पर हाथ रखा. मुड़कर देखा तो टाइगर थे. टाइगर ने सिर्फ दो शब्द बोले – जस्ट रिलैक्स.’ इन दो शब्दों ने मेरी दुनिया बदल दी.


गुंडप्पा विश्वनाथ ने दूसरी पारी में शतक जमाया. हम सबको पता है कि विशी नाम से मशहूर लिटिल मास्टर का भारतीय क्रिकेट में क्या योगदान रहा है. वो दौर था, जब कोई भी अपने क्षेत्र से बाहर के खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने की बात नहीं करता था. उत्तर भारत के मंसूर अली खां पटौदी ने दक्षिण के विश्वनाथ को टीम में शामिल कराया था. आज उनका परिवार ट्रोल का जवाब दे रहा है. उनसे पूछा जा रहा है कि आप अपनी देशभक्ति साबित कीजिए.

तैमूर नाम पहली नजर में अजीब लगता है. लेकिन क्या वाकई इस नाम से कोई देशद्रोही हो सकता है? अजीब नाम रखने की परंपरा तो खेलों में पहले भी रही है.

बेदी ने गावस्कर के नाम पर रखा था बेटे का नाम

1967-68 की बात है. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी. बिशन सिंह बेदी का पहला ऑस्ट्रेलिया दौरा था. वहां उन्हें एक ऑस्ट्रेलियन लड़की से प्यार हो गया. शादी हुई. परिवार में नन्हा मेहमान आने वाला था. उसी के आसपास भारतीय क्रिकेट में एक तूफान आया. उसका नाम था सुनील गावस्कर. गावस्कर ने घरेलू क्रिकेट में जोरदार प्रदर्शन किया. फिर वेस्ट इंडीज गए, तो सीरीज में 774 रन बना दिए. बेदी बेहद प्रभावित थे. उन्होंने अपने बेटे का नाम रखा गवासिंदर सिंह.

बेदी ने गावस्कर के सरनेम पर अपने बेटे का नाम रखा था. उसके बाद हम सबको पता है कि गावस्कर और बेदी के बीच रिश्ते कैसे रहे. रिश्ते बेहद तल्ख हो गए. बेदी की वो शादी भी नहीं चली. उन्होंने दूसरी शादी की, जिससे हुए बेटे का नाम अंगद रखा. अंगद क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन फिल्म स्टार बन गए.

रिश्ते बनते-बिगड़ते रहे. लेकिन शायद ही कभी बेदी ने अपने बेटे गवासिंदर सिंह का नाम बदलने की सोची हो. न ही गावस्कर ने कभी इसकी मांग की. वो हमेशा इसे अपने लिए सम्मान मानते रहे. बल्कि खुद गावस्कर ने भी अपने बेटे का नाम रोहन कन्हाई के नाम पर रखा. कन्हाई को गावस्कर अपना हीरो मानते थे.

रोड्स की बेटी का नाम है इंडिया

इसी तरह, जोंटी रोड्स ने अपने बेटी का नाम इंडिया रखा. आज के दौर में कोई भारतीय अगर किसी दूसरे देश के नाम अपने बेटे या बेटी को दे दे, तो सोशल मीडिया उसका क्या हाल करेगा, समझा जा सकता है. याद नहीं पड़ता कि दक्षिण अफ्रीका में कोई विरोध हुआ हो.

बार्न्स के कुत्ते का नाम सचिन

दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के बॉलिंग कोच विंसेंट बार्न्स ने भी कुछ ऐसा ही काम किया था. बार्न्स ने अपने कुत्ते का नाम सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा था. बार्न्स भारत आए थे. कुछ टीवी चैनलों ने इस पर बवाल भी किया. लेकिन पाया गया कि बार्न्स अपने कुत्ते को बच्चे की तरह प्यार करते थे. ये भी पाया गया कि भारत में एक तबके की तरह दक्षिण अफ्रीका में कुत्ता शब्द गाली की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाता.

लारा की बेटी का नाम सिडनी

ब्रायन लारा ने भी अपनी बेटी का नाम शहर के नाम पर रखा था. 1993 में ब्रायन लारा ने सिडनी टेस्ट में 277 रन की पारी खेली थी. उन्होंने अपनी बेटी का नाम सिडनी रखा. पिछले दिनों वो अपनी बेटी को शहर दिखाने भी ले गए थे. जब उन्होंने नाम रखा था, तो वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने मजाक किया था. होल्डिंग ने कहा था कि लारा खुशकिस्मत हैं कि दोहरा शतक लाहौर में नहीं बना.

अश्विनी कुमार की बेटी का नाम हॉकी

अजीब नाम का एक किस्सा अश्विनी कुमार के साथ जुड़ा है. अश्विनी कुमार भारतीय हॉकी फेडरेशन के अध्यक्ष थे. वो सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक थे. हॉकी से बड़ा प्यार था उनका. उन्होंने अपनी बेटी का नाम हॉकी रखा था. इन अजीब नामों की वजह से हो सकता है कि बच्चों को दिक्कत हुई हो. लेकिन समझ से बाहर है कि किसी नाम की वजह से किसी को देशभक्त या देशद्रोही कैसे कहा जा सकता है. वो भी जब बात ‘पहले भारतीय कप्तान’ के पोते की हो.