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Asian games 2018: केवल हम ही जानते है, कैसे लोगों के सवालों का जवाब देते हैं: साक्षी

साक्षी मलिक एशियाई खेलों से पहले टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं, जिससे उनकी फार्म सभी के लिए चिंता बनी हुई है और वह भी इस बात से वाकिफ भी हैं,

Bhasha

ओलिंपिक ब्रॉन्‍ज मेडलिस्‍ट साक्षी मलिक एशियाई खेलों से पहले टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं, जिससे उनकी फार्म सभी के लिए चिंता बनी हुई है और वह भी इस बात से वाकिफ भी हैं, लेकिन उनका कहना है कि खिलाड़ी हमेशा मेडल को लक्ष्य बनाए रहते हैं ताकि उनके ऊपर ऊंगली नहीं उठे. हरियाणा की इस 25 वर्षीय रेसलर को अप्रैल में हुए कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में ब्रॉन्‍ज मेडल से संतोष करना पड़ा था और हाल में वह इस्तांबुल में यासार दोगु इंटरनेशनल टूर्नामेंट में पदक दौर में पहुंचने से पहले ही बाहर हो गईं.

मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत 


उन्हें तीन अन्य पहलवानों (विनेश फोगाट, सुशील कुमार और बजरंग पूनिया) के साथ एशियाई खेलों के लिए ट्रायल्स में भाग नहीं लेने की छूट भी दी गई, लेकिन हाल में भारतीय कुश्ती महासंघ के अधिकारियों ने कहा कि सुशील और साक्षी दोनों का फॉर्म में नहीं होना उनके लिए चिंता का विषय है. साक्षी ने लखनऊ में ट्रेनिंग सत्र के बाद बात करते हुए कहा कि हम जब भी मैट पर उतरते हैं तब हम मेडल जीतना चाहते हैं. पदक के बिना लौटने पर लोगों का सामना कैसे करते हैं, यह केवल हम ही जानते हैं. जब लोग सवाल पूछते हैं तो इनका जवाब देना काफी मुश्किल हो जाता है.

उन्होंने कहा कि हम भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं ताकि कोई भी हम पर उंगुली नहीं उठा सके और हम ऐसे सवालों का सामना नहीं करें, जिनका हमारे पास कोई जवाब नहीं हो. साक्षी ने भी स्वीकार किया कि हाल के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे हैं लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयासों की कमी के कारण नहीं है. वह जकार्ता में 62 किग्रा वर्ग में भाग लेंगी, उन्होंने भी स्वीकार किया कि उन्हें खेलों से पहले मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है. साक्षी ने कहा कि मुझे मानसिक रूप से मजबूत होने और बेहतर होने की जरूरत है. जेएसडब्ल्यू ने मुझे खेल मनोचिकित्सक की मदद लेने में सहायता की. मुझे ध्यान लगाने और सकारात्मक सोच की सलाह दी गई.