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मैराथन पर नहीं दिख रहा स्मॉग का असर, रिकॉर्ड संख्या में धावक लेंगे भाग

मैराथन का 13वां चरण विवादों से घिरा हुआ है क्योंकि भारतीय चिकित्सा संघ ने राष्ट्रीय राजधानी में स्मॉग के चलते इसे रद्द करने की मांग की है

Bhasha

शहर भले ही खतरनाक वायु प्रदूषण से जूझ रहा हो लेकिन दिल्ली हाफ मैराथन के आयोजकों ने दावा किया कि इससे मैराथन के लिए पंजीकरण प्रभावित नहीं हुआ है. मैराथन के लिए 35,000  लोगों ने भागीदारी के लिए पंजीकरण किया है जो पिछले साल की तुलना में 1000 ज्यादा हैं.

मैराथन का 13वां चरण विवादों से घिरा हुआ है क्योंकि भारतीय चिकित्सा संघ ने राष्ट्रीय राजधानी में स्मॉग के चलते इसे रद्द करने की मांग की है.


इसके आयोजकों ‘प्रोकैम इंटरनेशनल’ के अनुसार वर्ष 2015 में मैराथन में करीब 30,000 लोगों ने हिस्सा लिया था और इस साल यह संख्या 35,000 के करीब पहुंच गई है.

प्रोकैम इंटरनेशनल के संयुक्त प्रबंध निदेशक विवेक सिंह ने कहा, ‘यह देखना अच्छा है कि इसका पंजीकरण तय तारीख से पहले ही हो गया और हमें खुशी है कि एयरटेल दिल्ली हाथ मैराथन ने समुदायों को एक साथ लाने में अहम भूमिका अदा की है.’ इन 35,000 प्रतिभागियों में 13,216 (एलीट और एमेच्योर एक साथ) हाफ मैराथन (21.097 किमी) में दौड़ेंगे जबकि बचे हुए पांच अन्य वर्गों ग्रेट दिल्ली रन, टाइम्ड 10के रन, सीनियर सिटीजन्स रन और चैम्पियंस विद डैसएबिलिटी रन में भाग लेंगे.