ओलिंपिक पदक, चाइना ओपन खिताब और हांगकांग ओपन में रनर अप, पिछले कुछ महीने पीवी सिंधु के लिए कमाल के रहे हैं. अब वो साल का अंत दुबई में वर्ल्ड सुपर सीरीज फाइनल्स के साथ करने वाली हैं. बुधवार को उनका मुकाबला जापान की यामागुची से होगा.
रियो ओलिंपिक्स में सिंधु ने रजत पदक जीता था. हालांकि उसके बाद भी उनके लिए दुबई वर्ल्ड सुपर सीरीज में खेलना आसान नहीं था. चाइना ओपन और हॉन्गकॉन्ग ओपन में शानदार प्रदर्शन के जरिए उन्होंने दुबई के टूर्नामेंट में जगह बनाई. 21 साल की सिंधु डेनमार्क और फ्रांस में जल्दी बाहर हो गई थीं. लेकिन चाइना ओपन जीतने वाली तीसरी भारतीय बनीं. उनके लिए पहला सुपर सीरीज खिताब था. इससे उन्हें 11 हजार अंक मिले. हांगकांग ओपन में फाइनल में पहुंचकर उन्होंने कई बड़ी खिलाड़ियों को पीछे छोड़कर दुबई वर्ल्ड सुपर सीरीज के लिए जगह बना ली. सिंधु दुनिया में दसवें नंबर की खिलाड़ी हैं. आठवीं वरीयता प्राप्त यामागुची के खिलाफ उनका रिकॉर्ड 2-1 का रहा है. यूबर कप और 2015 के मकाउ ओपन में उन्होंने जीत दर्ज की थी. जापानी खिलाड़ी के खिलाफ उन्हें 2013 के जापान ओपन में शिकस्त झेलनी पड़ी थी.
सिंधु ग्रुप बी में हैं. इसमें टॉप दो खिलाड़ी सेमीफाइनल में पहुंचेंगे. सिंधु के रास्ते में बाधा ओलिंपिक चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मरीन और विश्व नंबर छह चीन की सुन यू हैं. मरीन के खिलाफ सिंधु का रिकॉर्ड 3-5 का है. सुनू यू के खिलाफ 3-3 का रिकॉर्ड है। ग्रुप ए में चीनी ताइपे की की ताइ जू यिंग, दक्षिण कोरिया की सुंग जी ह्यून, थाइलैंड का राचानोक इंतनोन और चीन की हि बिंगजियाओ हैं.