भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के पहले लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजे गए दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने देश में खेल के स्तर पर संतोष जताया,वहीं कहा कि अगर शीर्ष देशों की बराबरी करनी है तो प्रतिभावान खिलाड़ियों का सही आयु और समय पर सुविधाएं मुहैया करानी होंगी. राष्ट्रमंडल खेलों और आॅल इंग्लैंड चैंपियनशिप के पूर्व विजेता पादुकोण को पहले बीएआई लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा गया.
भारत के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पादुकोण को प्रशस्ति पत्र, शॉल, स्मृति चिन्ह और 10 लाख रुपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया. इस मौके पर बीएआई अध्यक्ष हेमंत विश्व सरमा भी मौजूद थे. इस मौके पर पादुकोण ने भारतीय बैडमिंटन संघ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये उनके लिए सम्मान की बात है.
उन्होंने बैडमिंटन की प्रगति पर खुशी जताते हुए कहा कि खिलाड़ियों और टूर्नामेंटों की संख्या बड़ी है. साथ ही प्रयोजन राशि भी बढ़ी है. पादुकोण ने माना कि क्रिकेट के बाद बैडमिंटन देश का दूसरा लोकप्रिय खेल बन गया है, जिसका क्रेडिट खिलाड़ियों का जाता हैं, जिन्होंने बड़े टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करके खुद को साबित किया.
आॅल इंग्लैंड चैंपियनशिप के पूर्व विजेता ने कहा कि हमे अपनी सफलताओं से खुश नहीं होना चाहिए, बल्कि और अधिक बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए. बीएआई और राज्य संघों को प्रतिभा को निखारने की दिशा में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में कम से कम एक अकादमी होनी चाहिए, हर राज्य में एक अकादमी होनी चाहिए, जिसका खर्चा सरकार या बीएआई उठाए.
पादुकोण ने कहा कि अगर प्रतिभा तभी निखरेगी जब सही आयु और सही समय पर उनको सहयोग मिले, नहीं तो प्रतिभा को खोने में समय नहीं लगेगा. सही समर्थन मिलने पर भारत, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान जैसे शीर्ष देशों की बराबरी कर सकता है अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो इसका मतलब यही नहीं है कि देश में प्रतिभा की कमी है, यह किसी अन्य कारण से होगा.