भारत और पाकिस्तान के तल्ख रिश्तों का असर खेलों के मैदान पर अकसर देखने को मिलता है. इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी में तो दोनों टीमों के बीच दो-दो मुकाबले हो गए. हॉकी में भी भारत और पाकिस्तान ने लंदन में मैच खेल लिया. लेकिन बाकी खेलों में रिश्तों में जमीं बर्फ का असर वक्त वक्त पर देखने को मिल जाता है.
ताजा मामला एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप का है. भुवनेश्वर में अगले महीने शुरू हो रही इस चैंपियनशिप में पाकिस्तान के एथलीट्स की भागीदारी अभी तक साफ नहीं हो सकी है. मंगलवार को इस चैंपियनशिप में एंट्री भेजने का आखिरी दिन था. बांग्लादेश जैसे पड़ौसी देश के एथलीट्स तो भुवनेश्वर पहुंच कर अभ्यास में भी जुट गए हैं. लेकिन पाकिस्तान के एथलीट अभी तक भारतीय वीजा का इंतजार कर रहे हैं.
इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के नियमों के तहत इस चैम्पियनशिप की आयोजक भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन यानी एएफआई ने पाकिस्तान को भी इसमें भाग लेने का न्यौता भेजा है. पाकिस्तान ने इसके लिए आधा दर्जन एथलीट्स की एंट्री भी भेजी है. लेकिन अभी तक भारतीय उच्चायोग ने उन्हें वीजा जारी नहीं किया है.
एएफआई इस सिलसिले में गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से संपर्क साध चुकी है. और अब इस चैंपियनशिप में पाकिस्तानी एथलीट्स की भागीदारी भारत सरकार के फैसले पर निर्भर है.