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जिंदगी की लड़ाई हार गए पाकिस्तानी हॉकी स्टार मंसूर अहमद, वक्त पर नहीं मिली मदद

मंसूर अहमद लंबे समय से हार्ट पेशेंट थे, उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत थी

FP Staff

हॉकी में एक समय पाकिस्तान के हीरो रहे मंसूर अहमद का शनिवार को निधन हो गया. मंसूर लंबे समय से दिल की बीमारी से परेशान थे. उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत थी जिसके लिए उन्होंने भारत से मदद भी मांगी थी. मंसूर को भारत में हार्ट ट्रांसप्लांट कराने के लिए मदद चाहिए थी, साथ ही उन्होंने मेडिकल वीजा के लिए भी सरकार से मदद मांगी थी. मंसूर को भारत से बहुत से लोगों ने मदद की पेशकश की थी जिसमें चेन्नई का फोर्टिस अस्पताल भी शामिल है, लेकिन मदद मिलने से पहले ही मंसूर जिंदगी की लड़ाई हार गए.

1994 में सिडनी वर्ल्ड कप के फाइनल में नीदरलैंड्स के पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में तब्दील होने से बचाने के बाद से ही मंसूर अहमद पाकिस्तान के खेल का चेहरा बन गए थे. मंसूर अहमद ने 338 अंतरराष्ट्रीय मैचों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया. वहीं तीन ओलिंपिक और कई हाई प्रोफाइल इवेंट भी खेले. मंसूर अहमद ने कहा था कि इंसानियत अहम होती है और अगर मुझे भारत में वीजा और अन्य मदद मिलती है तो मैं भी बाध्य हाे जाऊंगा. उन्होंने कहा था कि उनके लिए वीजा लाइफसेवर हो सकता है.

मंसूर ने साफ किया था कि उन्हें भारत से आर्थिक मदद की दरकार नही हैं वो केवल वीजा चाहते थे ताकि भारत जाकर इलाज करवा पाएं. पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने उनके इलाज के लिए 100,000 डॉलर दिए थे. वहीं फिलहाल उनका सारा खर्च पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद आफरीदी का फाउंडेशन उठा रहा था.