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इस एक स्टार फुटबॉलर की बराबरी भी नहीं कर सकता 'पूरा का पूरा' आईपीएल!

पेरिस सेंट जर्मेन क्लब से खेल रहे नेमार को रियाल मैड्रिड क्लब 20 अरब रुपए में खरीदने को तैयार है

Manoj Chaturvedi

देश में आजकल इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल का जोर है. यह सही है कि क्रिकेट की इस टी-20 लीग को लेकर देशवासियों में पहले जैसी दीवानगी नहीं है. लेकिन फिर भी लोगों का शाम को स्कोर पता करना, परिणाम देखना आम है. इस लीग के बारे में यह माना जाता है कि इसमें क्रिकेटरों के ऊपर पैसों की बरसात करने की वजह से दुनियाभर के क्रिकेटरों में सबसे लोकप्रिय प्रतियोगिता है. इस लीग में नए पुराने तमाम क्रिकेटरों के जुड़े होने से इस बात का अहसास भी होता है. पैसों की ही खातिर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क और तेज गेंदबाज ब्रेट ली हंसी मजाक करते दिखते हैं. पर जब हम फुटबॉल क्लब पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) में खेलने वाले ब्राजीली खिलाड़ी नेमार के 20 अरब रुपए में चल रही तबादले की चर्चा सुनते हैं तो क्रिकेट का पैसा बहुत ही बौना नजर आने लगता है.

नेमार पर दौलत लुटाने को तैयार रहते हैं तमाम क्लब


ब्राजील के इस स्टार खिलाड़ी नेमार के यह खेल की खूबी है कि तमाम क्लब उनके ऊपर दौलत लुटाने को तैयार रहते हैं. वह 2017 तक बार्सिलोना क्लब के लिए ला लीगा (स्पेनिश फुटबॉल लीग) में खेलते रहे थे. लेकिन पिछले साल पेरिस सेंट जर्मेन क्लब ने उन्हें 18 अरब रुपए में खरीदा था. अब रियाल मैड्रिड क्लब उन्हें 20 अरब रुपए में खरीदने को तैयार है, इस संबंध में जल्द ही घोषणा होने की संभावना है. नेमार को इससे पहले भी रियाल मैड्रिड से जुड़ने का मौका मिल चुका है. यह बात तब की है जब वह 16 साल के थे और रियाल मैड्रिड क्लब के साथ अभ्यास किया करते थे. क्लब की ओर से उन्होंने 47 लाख रुपए में जुड़ने का प्रस्ताव दिया गया पर नेमार ने उसे ठुकरा दिया था. पर अब अरबों का प्रस्ताव मिला है. नेमार पिछले तीन महीने से टखने में चोट के कारण नहीं खेले हैं. पर वह पीएसजी से रियाल मैड्रिड जाने को उतावले हैं. अगर ऐसा होता है तो वह क्रिस्टियानो रोनाल्डो के साथ ला लीगा में खेलते नजर आएंगे. अब अहम सवाल यह है कि हम जिस क्रिकेट लीग आईपीएल पर इतराते हैं, वह एक फुटबॉलर की कीमत की बराबरी भी नहीं कर पा रही है.

आईपीएल में खिलाड़ियों का बजट है 640 करोड़ रुपए 

देश में 2008 में शुरू हुई आईपीएल में आठ टीमें भाग लेती हैं, जिसमें प्रत्येक टीम का खिलाड़ियों को खरीदने का बजट 80 करोड़ रुपए निर्धारित है. हम आठ टीमों के खिलाड़ियों को खरीदने की राशि को जोड़ लें तो यह राशि होती है 640 करोड़ रुपए. इसके अलावा इसमें हम 40 करोड़ रुपए की इनामी राशि को भी जोड़ लें तो यह राशि 680 करोड़ यानी छह अरब, 40 करोड़ रुपए हो जाती है. यह राशि अकेले एक फुटबॉलर नेमार को खरीदने पर खर्च की जाने वाली राशि की करीब एक तिहाई है. फुटबॉल में खिलाड़ियों को ऊंचे दामों पर खरीदा जाना कोई नई बात नहीं है. अभी पिछले दिनों एल क्लासिको में बार्सिलोना से रियाल मैड्रिड को बराबरी दिलाने वाला गोल जमाने वाले गेरेथ बेल को रियाल ने टोटेनहम से 10 करोड़ पाउंड में खरीदा था. इसी तरह पॉल पोग्बा को जुवेंटस से मैनचेस्टर सिटी ने 2016 में 10.5 करोड़ पाउंड में खरीदा. फुटबॉल में इस तरह के महंगे खिलाड़ियों की ढेरों मिसालें मिल जाएंगी. इसमें सबसे अहम बात यह है कि हर आने वाले समय में खिलाड़ियों की कीमत में जबर्दस्त उछाल आ रहा है.

12.5 करोड़ में बेन स्टोक्स  और 11.5 करोड़ रुपए में  उनादकट बिके

अब हम आईपीएल को देखें कि इसकी नीलामी में जब इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स और भारतीय पेस गेंदबाज जयदेव उनादकट को राजस्थान रॉयल्स क्रमश: 12.5 करोड़ रुपए और 11.5 करोड़ रुपए में, मनीष पांडे को सनराइजर्स हैदराबाद 11 करोड़ और लोकेश राहुल को किंग्स इलेवन 11 करोड़ रुपए में खरीदते है तो यह हमारे यहां अखबारों की सुर्खियां बन जाती है. साथ हम यह खबरें भी चलती हैं कि आईपीएल ने इस बार कितने नए करोड़पति बनाए. यह सब हम दुनिया की क्रिकेट में पैसे को देखते हैं तो यह सब एक सपना सा लगता है. यही नहीं देश के बाकी खेलों के खिलाड़ी क्रिकेटरों के सामने बौने नजर आते हैं. लेकिन जब हम इन खिलाड़ियों को नेमार, क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के साथ देखते हैं तो लगता है कि क्रिकेट अभी बहुत पीछे है.

आईपीएल ने बीसीसीआई को किया मालामाल

इसमें कोई दो राय नहीं कि आईपीएल ने पहले से ही अमीर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को और भी मालामाल कर दिया है. इससे देश के ही नहीं विदेश के तमाम क्रिकेटरों की कमाई में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. आईपीएल के प्रति लोगों की दिलचस्पी में भले ही कमी आई है पर यह फिर भी खासी लोकप्रिय है. इसके मैचों का जिस शहर में आयोजन होता है, वहां टिकट पाने के लिए मारा-मारी मच जाती है.

इस लीग की लोकप्रियता ने बंद कराए तमाम सीरियल

इस दिलचस्पी का ही परिणाम है कि देश में आईपीएल के चलते लगभग एक दर्जन टेलीविजन सीरियलों का प्रसारण ही बंद हो गया है. यह सीरियल हैं-लाडो 2, इक्यावन, पिया अलबेला, नामकरण, रिश्ता लिखेंगे हम नया, चंद्रकांता, चंद्रशेखर, बढो बहू, एक दीवाना था, दिल से दिल तक और तू सूरज मैं सांझ पिया जी. यह सीरियल पूरी तरह या कुछ समय के लिए बंद हुए हैं यह जानकारी नहीं है. इससे यह तो साफ है कि आईपीएल की लोकप्रियता से बहुत कुछ प्रभावित होता है. यह लोकप्रियता ही है, जो इसकी ब्रांड वैल्यू 2017 में बढ़कर 5.3 अरब डॉलर हो गई थी. बीसीसीआई का यह भी मानना है कि आईपीएल का भारतीय अर्थव्यवस्था में खासा योगदान रहता है. पर यह लीग फुटबॉल के आगे कहीं नहीं ठहरती है.