26 अक्टूबर से आई लीग के नए सीजन की शुरुआत होने वाली है. इस सीजन में इस बार 10 राज्यों की 11 टीमें भाग लेने वाली हैं. भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी आई लीग के लिए इस सीजन के बेहद अहम मायने हैं. माना जा रहा है कि यह सीजन आई लीग का आखिरी सीजन हो सकता है. लंबे समय से इस बात को लेकर चर्चा है कि ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन भारत की सभी लीगों का विलय कर एक नई लीग शुरू करने के बारे में सोच रही है.
मंगलवार को लीग के लॉन्च के मौके पर जब लीग चेयरमैन और आईएफए चेयरमैन सुब्रत दत्ता से पूछा गया तो उन्होंने इन संभावनाओं से साफ इनकार नहीं किया. उन्होंने इस फैसले से होने बड़े बदलाव पर ध्यान देने को कहा. दत्ता ने कहा, 'हमें दूरदर्शी सोच रखनी होगी, फैसले से होने वाले बड़े और अच्छे बदलावों के बारे में सोचें. हम सभी आईएसएल, आई लीग सेकंड डिवीजन, आई लीग और देश में होने वाली सभी लीगों का विलय करके एक नया प्रयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. इससे ज्यादा खिलाड़ियों को मौका मिलेगा और देश के लिए और अधिक खिलाड़ियों का पूल तैयार हो सकेगा जो देश की फुटबॉल के लिए अच्छा होगा.'
ईस्ट बंगाल के स्टार मिडफील्डर लालरिंडिका राल्टे ने भी इस बदलाव की ओर इशारा करते हुए कहा, 'हो सकता है कि क्लब की यह अंतिम लीग हो, प्रशंसक भी इतने वर्षों से चाहते हैं और हम खुद भी इस साल ट्रॉफी अपने नाम करना चाहेंगे.’
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यह बदलाव लीग के अगले सीजन से पहले हो सकता है ऐसे में संभव है कि यह लीग का आखिरी सीजन हो. इस सीजन की शुरुआत 26 अक्टूबर से होगी. पहले मैच में चेन्नई सिटी का सामना इंडियन एरोस से होगा.