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'स्पोर्ट्स हब' बनने के लिए बदल रही है भुवनेश्वर की सूरत

भुवनेश्वर में बनेगा हॉकी का हाई परफॉर्मेंस सेंटर, खेलों के लिए और भी तमाम योजनाएं

Shailesh Chaturvedi

कलिंग स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में घुसते ही ऐसा लगता है कि दुनिया खेलमय हो गई है. खेलों के साथ हरियाली. हॉकी के लिए तो यह जगह जानी ही जाती है. उससे कुछ दूर शूटिंग रेंज दिखाई देगा. भुवनेश्वर ने हॉकी के साथ फुटबॉल और एथलेटिक्स में बड़े इवेंट देखे हैं. ...और ऐसा लगता है, जैसे ओडिशा की राजधानी देश में स्पोर्ट्स हब बनने की तरफ आगे बढ़ रही है. खासतौर पर हॉकी में, जिसमें ओडिशा सरकार ही नेशनल टीम की स्पॉन्सर है.

भुवनेश्वर में हॉकी का हाई परफॉर्मेंस सेंटर बनाने की तैयारी है. इसके साथ, एथलेटिक्स और बैडमिंटन के लिए बड़ी योजना है. बैडमिंटन में पुलेला गोपीचंद के साथ बैडमिंटन एकेडमी खुलेगी. पिछले कुछ साल में भुवनेश्वर ने खेलों के मामले में अपनी अलग जगह बनाई है. हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी से लेकर वर्ल्ड लीग फाइनल और एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप तक यहां हुए हैं. अब 28 नवंबर से हॉकी वर्ल्ड कप होना है. दिलचस्प है कि हर इवेंट के लिए दिल्ली के अखबारों में भी पूरे पेज विज्ञापन दिए गए हैं. इस सवाल पर राज्य के खेल सचिव विशाल देव कहते हैं, ‘हम खेलों को बढ़ावा देना चाहते हैं. उसके साथ टूरिज्म को जोड़ना चाहते हैं.’


ऐसा किया भी गया है. वर्ल्ड कप के लिए ही स्टेडियम के पुनर्निर्माण में 82 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. स्टेडियम में दर्शक क्षमता ही साढ़े सात से बढ़कर 15 हजार के करीब हो गई है. यहां तक कि अगले नेशनल कैंप के लिए टीम को होटल में रहने की जरूरत भी नहीं होगी. स्टेडियम में ही उनके लिए कमरे बनाए जा रहे हैं, जो कुछ दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाएंगे. दिलचस्प है कि इलेक्शन से पहले सरकार के कामों को प्रमोट करने में खेलों का सहारा लिया जा रहा है. विशाल देव कहते हैं, ‘मुख्यमंत्री नवीन पटनायक खेलों को बढ़ावा देना चाहते हैं. हम सिर्फ बड़े इवेंट ही नहीं कराना चाहते, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करना चाहते हैं. इसी के चलते बड़े इवेंट भी हो रहे हैं और हाई परफॉर्मेंस सेंटर भी बनाए जा रहे हैं.’ शहर को अंडर 15 फुटबॉल टीम के बेस बनाया जा रहा है.

भुवनेश्वर के आसपास ऐसी जगहों की भरमार है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है. यहां तक कि दुनिया के कई देशों में पर्यटन और खेल को प्रमोट करने के लिए विज्ञापन देने की तैयारी है. अभी से हालत यह है कि वर्ल्ड कप के समय भुवनेश्वर में कोई होटल ढूंढना नामुमकिन के आसपास है. जहां कमरे मिल भी रहे हैं, वहां कई गुना ज्यादा दाम मांगे जा रहे हैं. दिलचस्प है कि सरकार दामों को नियंत्रित करने में कामयाब होती दिखाई नहीं दे रही है. विशाल देव ने कहा, ‘इस बार हमारी मजबूरी है. लेकिन अगले इवेंट तक हम तीन हजार नए कमरे दे पाने में कामयाब होंगे. नए होटल तैयार किए जा रहे हैं.’