इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग (आईपीटीएल) मुश्किलों में है. इस सीजन में रोजर फेडरर और सेरेना विलियम्स भारतीय चरण से नहीं जुड़ रहे हैं. उनकी गैर मौजूदगी को भारत के ‘आर्थिक हालात’ से जोड़ा जा रहा है. ये दूसरी लीग है, जिसने आर्थिक हालात या नोटबंदी के चलते परेशानियों की बात की है. इससे पहले प्रो रेसलिंग लीग को टालने का फैसला किया गया था. हालांकि दो दिन बाद ही घोषणा की गई कि अब रेसलिंग ली 2 जनवरी से होगी.
फेडरर और सेरेना का न आना आयोजकों और प्रशंसकों के लिए बड़ा झटका साबित होगा. लीग का भारतीय चरण नौ से 11 दिसंबर तक हैदराबाद में होना है. लीग के आयोजक महेश भूपति ने एक बयान के जरिए फेडरर और सेरेना के न खेलने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है, ‘इस साल हमारे लिए काफी चुनौतियां हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि उनसे पार पा सकेंगे. भारत में वर्तमान आर्थिक हालात और खर्च करने की क्षमता को लेकर अनिश्चिय के हालात है. मैंने रोजर और सेरेना से बात की थी और उन्हें हालात के बारे में बताया था. आईपीटीएल के पहले दो सीजन में उन्होंने बहुत साथ दिया था. वे भविष्य में भी लीग के साथ जुड़ना चाहते हैं.’
भूपति ने जिन आर्थिक हालात का जिक्र अपने बयान में किया है, उसमें वो नोटबंदी को लेकर संकेत कर रहे थे. 500 और हजार के नोट बंद होने के बाद नई करेंसी बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं है. इसकी वजह से कैश की समस्या पूरे भारत में है. बैंकों के बाहर लंबी लाइनें हैं. रोजाना पैसे निकालने को लेकर नियम बनाए गए हैं. हालांकि यह समझ से बाहर है कि इससे फेडरर या सेरेना के पेमेंट पर कैसे असर पड़ेगा.
फेडरर और सेरेना दोनों ही इस साल चोट से जूझते रहे हैं. उन्हें इसी लीग से वापसी की उम्मीद थी. जुलाई में विंबलडन के बाद फेडरर नहीं खेले हैं. ओलिंपिक्स से पहले उन्होंने बाकी सीजन से हटने का फैसला किया था. सेरेना यूएस ओपन से नहीं खेली हैं. फेडरर इंडियन एसेज और सेरेना सिंगापुर स्लैमर्स टीम का हिस्सा होने वाली थीं.
इन दोनों खिलाड़ियों के हटने के बाद अब लीग में हाई प्रोफाइल खिलाड़ियों में टॉमस बर्डिच और केई निशिकोरी अहम हैं. इवेंट का पहला चरण टोक्यो में हो चुका है. दूसरा चरण सिंगापुर में शुरू हुआ है.