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एथलीटों के विरोध के बाद मनोहर खट्टर ने नए सर्कुलर पर लगाई रोक

मनोहर लाल खट्टर ने एथलीटों की कमाई का 33 प्रतिशत को स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल फंड में देने के फैसले पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है

FP Staff

हरियाणा सरकार के जारी किए नए सर्कुलर पर एथलीटों को विरोध भारी पड़ा है. मनोहर लाल खट्टर ने एथलीटों की कमाई का 33 प्रतिशत को स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल में देने के फैसले पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि उन्होंने खेल मंत्रालय इस सर्कुलर से जुड़ी फाइल मंगाई है. जब तक वह इस पर कोई फैसला नहीं करते तब तक इस नोटिफिकेशन को होल्ड पर रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश को अपने एथलीटों पर बहुत गर्व है और वह उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि हर पहलू पर गौर किया जाएगा.'


राज्य सरकार के खेल डिपार्टमेंट की और से इसी साल 30 अप्रैल को जारी हुए एक सर्कुलर के मुताबिक राज्य सरकार अब अपने प्रदेश के एथलीट्स की प्रॉफेशनल खेल और कमर्शियल आमदनी का एक तिहाई हिस्सा लेना चाहती थी.

क्या है यह नया फरमान

राज्य के खेल एवं युवा मामलों के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अशोक खेमका के दस्तखत से जारी हुए इस सर्कुलर के मुताबिक अब राज्य के एथलीट्स के लिए अपनी कमाई (प्रोफेशनल/कमर्शियल) कमाई का एक तिहाई हिस्सा हरियाणा स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल के फंड में डालना जरूरी कर दिया गया था. इस फंड का इस्तेमाल राज्य में खेलों के विकास के लिए किए जाने की योजना है.

सरकार के इस फैसले से राज्य के एथलीट्स भी बेहद नाराज थे. कॉमनवेल्थ खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट रही गीता फोगाट ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘अगर यह फैसला क्रिकेटरों तक ही सीमित होता तो समझ में आता. लेकिन रेसलिंग और बॉक्सिंग जैसे खेलों में एथलीट्स की कमाई ही कितनी होती है जिसका 33 फीसदी हिस्सा सरकार मांग रही है.’ ओलिंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त ने भी ट्वीट करके इस फैसले का विरोध किया था.