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अब कबड्डी फेडरेशन पर चला अदालत का हथौड़ा

दिल्ली हाइकोर्ट ने कबड्डी फेडरेशन से खत्म की जनार्दन गहलौत की हुकूमत

FP Staff

खेल फेडरेशंस के प्रशासन में मौजूद अनियमितताओं पर अक्सर अदलतों का हथोड़ा चलता रहता है. बीसीसीआई इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जहां सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति यानी सीओए का नियुक्ति की है. इसी कड़ी में अब कबड्डी फेडरेशन का नाम भी जुड़ गया है.

दिल्ली हाइकोर्ट ने इंडियन एमेच्योर  कबड्डी फेडरेशन में जनार्दन सिंह गहलौत और उनकी पत्नी की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति खारिज कर दी है और कहा कि उन्होंने इसे पारिवारिक व्यवसाय के तौर पर इस्तेमाल करते हुए संस्था पर कब्जा कर रखा था.


अदालत ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सनत कौलत को तब तक महासंघ के काम काज की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी है और दोबारा चुवान कराने का आदेश जारी किया है. अदालत ने पूर्व कबड्डी खिलाड़ी और अर्जुन अवार्डी महिपाल सिंह और अन्य द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाया जिसमें जनार्दन सिंह गहलौत और उनकी पत्नी मृदुला भदौरिया गहलौत की नियुक्तियों को चुनौती दी गई थी.

गहलौत इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन के मौजूदा अध्यक्ष भी हैं. वह 28 साल तक देश के कबड्डी महासंघ के अध्यक्ष पद पर बने रहे थे जिसके बाद उनकी पत्नी ने उनकी जगह ली थी.

अदालत ने गहलौत को फटकार लगाते हुए पाया कि भारतीय महासंघ के मामलों में पूरी तरह से अराजकता का माहौल था और वह इस बात से भी हैरान था कि पति-पत्नी ने हर अनिवार्य शर्त को नजरअंदाज किया.

(एजेंसी इनपुट के साथ)