view all

कोसोवो के बॉक्सर को वीजा ना देना पड़ सकता है भारत को भारी, खतरे में मेजबानी

कोसोवो को लेकर विवाद स्पेन में हुई अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप में शुरू हुआ था

FP Staff

गुरुवार से दिल्ली में शुरू होने वाली एआईबीए महिला यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप से पहले ही भारत की मेजबानी पर सवाल उठ चुके है. कोसोवो के खिलाड़ियों को वीजा देने में देरी के चलते भारत में आगे होने वाले बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी मुश्किल में पड़ सकती है.

सूत्रों के मुताबिक आईओसी इस हफ्ते सभी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स फेडरेशन्स को यह खत भेज सकती है कि अगर भारत कोसोवो के खिलाड़ियों को वीजा नहीं देती है तो आईओसी किसी भी इवेंट की मजेबानी भारत को नहीं देगा. भारत में कोसोवो विवाद अब खेल जगत में गंभीर होता जा रहा है. इस चेतावनी से भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुश्किलें बढ़ जाएंगी.


कोसोवो को लेकर विवाद स्पेन में हुई अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप में शुरू हुआ. स्पेन ने कोसोवो के खिलाड़ियों को उनके झंडे तले खेलने की अनुमति नहीं दी थी. इसके बाद ही आईओसी ने यह बयान दिया था कि अगर स्पेन कोसोवो के खिलाड़ियों को उन्ही के झंडे तले खेलने की अनुमति नहीं देगी तो वह स्पेन को दोबारा मेजबानी नहीं देंगे और सभी अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन से ऐसा ही करने की अपील करेंगे. स्पेन भी भारत की तरह कोसोवो को अलग देश नहीं मानता है और इसी कारण भारत पर भी यह खतरा मंडरा रहा है. कोसोवो ने साल 2008 में सर्बिया से खुद को अलग कर एक नया देश घोषित किया था. हालांकि इसे लेकर हर देश का अलग स्टैंड है.

कोसोवो की ओर से डोलजेटा सजिकू एकलौती बॉक्सर है जो दिल्ली में होने वाली इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी. हालांकि उन्हें अभी तक वीजा  नहीं दिया दया है. भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि वह इस समस्या के लिए बीच का रास्ता निकाल लेंगे. उनका कहना है कि सजिकू के पास कोसोवो के साथ-साथ अलबेनिया का भा पासपोर्ट है. भारत के नियमों के मुताबिक उस पासपोर्ट पर वीजा  देने में मुश्किलें नहीं होंगी. हालांकि साफ किया गया है कि कोसोवो को लेकर आखिरी फैसला विदेश मंत्रालय ही लेगा.