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आर्चरी एसोसिएशन को चला रहे कुरैशी से क्यों नाराज हैं आईओए चीफ नरिंदर बत्रा!

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आर्चरी एसोसिएशन को चला रहे हैं पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर एसवाई कुरैशी

FP Staff

बीसीसीआई की ही तरह भारतीय तीरंदाजी संघ यानी एएआई को भी अदालत के आदेश के बाद एक प्रशासक ही चला रहे हैं. यह प्रशासक पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी है और इनकी कार्यप्रणाली के चलते इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन इनसे बेहद नाराज है.

दरअसल आईओए और भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के प्रभारी प्रशासक के बीच चल रही तनातनी के कारण इस खेल पर प्रतिबंध लगने का खतरा मंडरा रहा है जिससे भारतीय तीरंदाजों के लिये ओलिंपिक सहित इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भाग लेना मुश्किल हो जाएगा.


भारतीय तीरंदाजी संघ के 22 दिसंबर को चुनाव होने हैं लेकिन आईओए इन्हें मान्यता नहीं दे रहा है आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने एएआई के प्रभारी प्रशासक एस वाई कुरैशी पर आरोप लगाया कि वह अपने मनमाने रवैये के कारण इस खेल को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.

बत्रा ने पीटीआई के साथ बातचीत में कहा, ‘हम तीरंदाजी संघ के चुनावों में अपना पर्यवेक्षक नहीं भेज रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीरंदाजी संघ के प्रशासनिक अधिकारी, जो भारत के चुनाव आयुक्त भी रह चुके हैं, वह गलत तरीके से चुनाव करा रहे है.’

उन्होंने कहा, ‘उन्हें (कुरैशी) अदालत ने नियुक्त किया था लेकिन कुरैशी साहब एक सक्रिय कार्यकर्ता-अधिवक्ता (एक्टिविस्ट लायर) के शिकंजे में फंसकर अपना अलग गेम खेल रहे हैं इंटरनेशनल महासंघ ने तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दे दी है.’

बत्रा ने कुरैशी पर खेल से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए सवालिया अंदाज में कहा, ‘क्या हम यह चाहते हैं कि हमारी तीरंदाजी टीम किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग ही नहीं ले? हम खेल को सुधारने के लिये काम कर रहे हैं या उसे बर्बाद करने के लिये?’

खेल मंत्रालय ने भारतीय तीरंदाजी संघ पर 2012 में स्पोर्ट्स कोड का सम्मान नहीं करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. तीरंदाजी संघ ने बाद में खेल संहिता स्वीकार कर ली थी और सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2017 में उसे इसके अनुसार चुनाव कराने के भी आदेश दिए थे.