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आईओए ने माना, खराब ओलिंपिक प्रदर्शन की वजह बुनियादी सुविधाओं की कमी

महासचिव राजीव मेहता ने कहा 'बुनियादी ढांचा मजबूत कर लेंगे तो हम पदक तालिका में अच्छा करेंगे'

IANS

भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता का मानना है कि भारत में बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते देश ओलिंपिक खेलों में पदक लाने में पीछे रह जाता है.

हिमाचल प्रदेश ओलिंपिक खेलों का जायजा लेने पहुंचे राजीव ने शनिवार को कहा, ‘जिस दिन हम अपने देश में बुनियादी ढांचा मजबूत कर लेंगे तो हम पदक तालिका में अच्छा करेंगे.’


राजीव ने कहा, ‘भारत में जनसंख्या के हिसाब से  सुविधाओं की कमी है. दूसरे देशों में भारत से कहीं ज्यादा स्टेडियम हैं. यह काम केंद्र सरकार और राज्य सरकार का है.’

उन्होंने कहा, ‘जब हमारे यहां राज्य में, शहर में, ब्लॉक में स्टेडियम बनेंगे तब हम पदक तालिका में अपनेआप ऊपर आएंगे. हमारे नीचे रहने का कारण भी यही है कि हमारे पास स्टेडियम नहीं हैं.’

राजीव का मानना है कि हिमाचल प्रदेश ओलिंपिक संघ (एचपीओए) की राज्य ओलिंपिक कराने की मुहिम से दूसरे राज्यों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से एचपीओए ने इसका आयोजन कराया है वह शानदार है. इससे खेल को बढ़ावा मिलता है और अच्छी प्रतिस्पर्धा होती है.’

राजीव ने खेलों में डोप टेस्ट की अहमियत पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘बिना डोप टेस्ट के आजकल किसी भी देश के टूर्नामेंट में जाना अपने आप को बेवकूफ बनाना है. अगर आप डोप टेस्ट नहीं कराते हैं तो आप देश और प्रदेश का नाम भी खराब करते हैं. खेल को अगर साफ रखना है तो आपको डोप मुक्त होना पड़ेगा. हमारे यहां डोप के मामले कम हुए हैं.’

आईओए के अध्यक्ष एन. रामचंद्रन ने हाल ही में सरकार से बात कर 2032 में होने वाले ओलिंपिक खेलों की मेजबानी की दावेदारी पेश करने की बात कही थी, जिस पर सरकार ने सकारात्मक रवैया दिखाया था.

इस पर राजीव ने कहा, ‘हालांकि हमारे पास अभी इसके दावेदारी करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि ओलिंपिक मेजबानी के लिए नौ साल पहले दावेदारी पेश करनी पड़ती है. तो 2022 से 2026 के बीच की जो कार्यकारी समिति होगी वह इस पर काम करेगी. हालांकि सरकार इसके लिए तैयार है.’