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सुल्तान ऑफ जोहार कप हॉकी: पाकिस्तान की वजह से नहीं खेलेगा भारत

टूर्नामेंट में पाकिस्तान के भी खेलने की वजह से हॉकी इंडिया ने किया न खेलने का फैसला

FP Staff

भारत की जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने सुल्तान ऑफ जोहार कप टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया है. इसका कारण यह है कि पाकिस्तानी टीम भी यहां हिस्सा ले रही है और अभी हॉकी इंडिया तथा पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं. इस टूर्नामेंट का आयोजन मलेशिया में इस साल 22 से 29 अक्टूबर तक होगा. यह दूसरी बार है, जब भारत की जूनियर हॉकी पुरुष टीम ने इस टूर्नामेंट से अपना नाम वापस लिया हैय जूनियर टीम ने 2015 में इस खिताब पर कब्जा जमाया था.

इससे पहले, जनवरी में हॉकी इंडिया ने कहा था कि वह जब तक पाकिस्तान टीम एफआईएच चैम्पियंस ट्रॉफी-2014 के दौरान अपने अशिष्ट और गैर पेशेवर व्यवहार के लिए लिखित में माफी नहीं देती, तब तक भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी टूर्नामेंट में नहीं खेलेगी.


इसके अलावा, हॉकी इंडिया ने पिछले साल लखनऊ में आयोजित हुए 2016 जूनियर विश्व कप से पहले भारत के खिलाफ पाकिस्तान हॉकी संघ (पीएचएफ) द्वारा लगाए गए आधारहीन आरोपों की कड़े तौर पर निंदा की.

पिछले साल एक दिसम्बर को पीएचएफ ने एक बयान जारी किया. इसमें संघ ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के दावों को खारिज किया. इन दावों में एफआईच ने कहा था कि पाकिस्तान टीम ने आधिकारिक समय सीमा तक खिलाड़ियों के लिए यात्रा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए. इसके तहत पाकिस्तान टीम को जूनियर विश्व हॉकी कप में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी गई.

पीएचएफ ने इस घटना के बाद आरोप लगाया कि हॉकी इंडिया नहीं चाहता था कि पाकिस्तान की टीम जूनियर विश्व हॉकी कप में हिस्सा ले. हालांकि, हॉकी इंडिया के मुताबिक ये सब पीएचएफ की गलती के कारण हुआ. वह समय पर अपने खिलाड़ियों के वीजा भारतीय गृहमंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पाया.

हॉकी इंडिया के बयान के मुताबिक इन सब मुद्दों को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने आगे कदम बढ़ाया था. लेकिन हाल ही में पीएचएफ द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण उसने 'सुल्तान ऑफ जोहार कप' टूर्नामेंट से भारतीय टीम का नाम वापस लेने का फैसला किया.

इस विषय पर हॉकी इंडिया के प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा, ‘हमने पाकिस्तान की मौजूदगी वाले किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. जब तक पाकिस्तान की टीम लिखित में माफी नहीं मांग लेती, तब तक हम इस फैसले पर बने रहेंगे.’