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एशिया कप महिला हॉकी : आखिरी तिलिस्म तोड़कर खिताब जीतना चाहेगी भारतीय टीम

चीन से होगा मुकाबला, आठ साल पहले खिताबी मुकाबले में मिला हार का बदला चुकता करने का मौका

Bhasha

जीत के अश्वमेधी रथ पर सवार भारतीय महिला हॉकी टीम एशिया कप फाइनल में रविवार को चीन के खिलाफ उतरेगी. जापान के काकामिगहरा में भारतीय टीम का इरादा आठ साल पहले इसी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में मिला हार का बदला चुकता करने का भी होगा.

भारत ने ग्रुप चरण में अपराजेय रहने के बाद क्वार्टर फाइनल में कजाखस्तान को और सेमीफाइनल में गत चैंपियन जापान को हराया. कोच हरेंद्र सिंह की टीम ने ग्रुप चरण में सिंगापुर को 10-0, चीन को 4-1 और मलेशिया को 2-0 से मात दी थी.


भारतीय टीम इससे पहले 2009 में बैंकाक में इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी जब उसे चीन ने 5-3 से शिकस्त दी थी. वहीं पिछली बार 2013 में कुआलालम्पुर में हुए टूर्नामेंट में भारत तीसरे स्थान पर रहा था. भारत ने अब तक एक ही बार 2004 में यह खिताब जीता है, जब टूर्नामेंट दिल्ली में खेला गया था.

वैसे तो भारत ने अगले साल होने वाले महिला विश्व कप के लिए तभी क्वालिफाई कर लिया जब अफ्रीकी कप आफ नेशंस में दक्षिण अफ्रीका ने घाना को मात दी. कप्तान रानी रामपाल ने हालांकि कहा कि टीम यह टूर्नामेंट जीतकर अपने दम पर क्वालिफाई करना चाहती है.

रानी ने कहा, 'हम एशिया कप जीतकर विश्व कप में जगह बनाना चाहते हैं और हमारा पूरा फोकस अगले मैच पर है. पुरुष टीम ने एशिया कप जीता जिससे हमें काफी प्रेरणा मिली. अब हमारी बारी है. ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत अच्छा है. सभी उत्साहित हैं और फाइनल के लिए पूरी तरह से तैयार है.'

रानी ने कहा, 'जापान के खिलाफ मैच अच्छा था. अच्छी शुरुआत सबसे जरूरी थी औ

चीन और जापान को हराने के बाद भारत के हौसले बुलंद होंगे, लेकिन कप्तान ने कहा कि वे चीन को हल्के में नहीं लेंगे. उन्होंने कहा, 'हमें पता है कि चीन की टीम अच्छी है और उलटफेर कर सकती है. हम उसे यह सोचकर हल्के में नहीं ले सकते कि हमने उसे पहले हराया है. हमने रविवार के लिए अपनी रणनीति पर काम किया है और उसी पर फोकस रहेगा.'

पिछले साल एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को पूल चरण में चीन ने हराया था, लेकिन बाद में फाइनल में भारत ने उसे हराया. भारत ने अब तक टूर्नामेंट में 27 गोल किए हैं जिनमें से आठ गोल ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने दागे. नवजोत कौर और नवनीत कौर ने चार-चार गोल किए, जबकि रानी और दीप ग्रेस इक्का ने तीन-तीन गोल दागे.