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पाकिस्तानी शूटर्स को वीजा ना देना पड़ा भारी, मुश्किल में आई कई बड़े टूर्नामेंट्स की मेजबानी!

रेसलिंग फेडरेशन ने मांगी सरकारी से गारंटी, हॉकी और टेबल टेनिस की बड़ी चैंपियनशिप पर भी छाए संकट के बादल

FP Staff

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने सरकार से गारंटी मांगी है  जिससे कि सुनिश्चित हो सके कि पाकिस्तान के साथ राजनीतिक तनाव के कारण देश से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं नहीं छीनी जाएं.

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने अंतरराष्ट्रीय महासंघों को निर्देश दिया है कि वे भारत के साथ संवाद खत्म कर दें जिससे देश की जुलाई में जूनियर एशियन चैंपियनशिप की मेजबानी की संभावना पर असर पड़ सकता है.


डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने पीटीआई से कहा, ‘ हम ने सरकार से इसका हल खोजने की मांग की है.हमने ज्यादा कुछ नहीं लिखा है, सिर्फ उस पत्र को संलग्न किया है जो यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने हमें भेजा है.’

हाल में तीसरे कार्यकाल के लिए डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष चुने गए बृज भूषण सिंह ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि जूनियर एशियाई चैंपियनशिप की मेजबानी भारत के पास बरकरार रहे.

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने पिछले महीने पुलवामा आतंकी हमले के बाद दिल्ली में विश्व कप निशानेबाजी के दौरान पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा नहीं देने पर भविष्य की प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए भारत के साथ सभी तरह की बातचीत निलंबित कर दी है.

आईओसी के इस फैसले के बाद से भारत में इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं के आयोजन पर सवालिया निशान लग गया है.

इसके अलाव जून में भारत में एफआईएच की हॉकी सीरीज के फाइनल्स होने हैं जो ओलिंपिक क्वालिफायर इवेंट है. आईओसी के फरमान के बाद इस इवेंट पर बी संकट के बादल मंडरा सकते हैं.

यही नहीं, इस साल जुलाई में ओडिशा में टेबल टेनिस की कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप का आयंजन होना है जिसमें पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भी शिरकत करनी है. इस चैंपियनशिप को आयोजन को लेकर अब टेबल टेनिस फेडरेशन के अधिकारियों में चिंता है.

(इनपुट भाषा)