अब हम रविवार को फिर फाइनल की लाइव कमेंटरी के साथ मिलेंगे...
19:40 (IST)बिशन सिंह बेदी ने भी टीम को बधाई दी है...
गोल्ड मैडल मैच के लिए भारत का मुकाबला रविवार को बेल्जियम से होगा, तीसरे स्थान के लिए ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच मुकाबला
19:37 (IST)
मनप्रीत ने गोल किया... भारत फाइनल में
19:30 (IST)वेल्च पर भी दहिया ने बचाव किया.. लेकिन वेल्च गोल करने में कामयाब
19:29 (IST)सुमित ने भी गोल किया... भारत 3-1 से आगे शूट आउट में
19:29 (IST)मेंटॉर श्रीजेश बहुत खुश... उनके टिप्स काम आ रहे हैं...
19:29 (IST)शार्प का हमला भी दहिया ने रोका...
19:28 (IST)हरमनप्रीत ने गोल किया... भारत अब भी बढ़त पर
19:28 (IST)मैथ्यू बर्ड की कोशिश नाकाम
19:27 (IST)हरजीत ने आपा नहीं खोया.. इसका उन्हें फायदा मिला
19:26 (IST)भारत के लिए हरजीत तैयार.. और ये गोल
मैच में बस 13 मिनट बाकी थे. भारत 0-1 से पिछड़ा हुआ था. ऐसा लग रहा था कि जूनियर वर्ल्ड कप हॉकी खिताब जीतने का सपना टूट जाएगा. एक के बाद एक पेनल्टी कॉर्नर बेकार जा रहे थे. वो भी अपनी गलती से. एक और पेनल्टी कॉर्नर बेकार जाता दिखा, जब सिमरनजीत सिंह गोल करके भारत को अनमोल गोल दिलाया. उस वक्त वाकई बराबरी का गोल अनमोल ही था. स्पेन के खिलाफ इस गोल ने भारत की वापसी कराई. उसके बाद मैच खत्म होने से पांच मिनट पहले हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल मे बदलकर भारत को जीत दिला दी.
भारत के लिए ये जीत खुशी से ज्यादा राहत देन वाली है. इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय टीम स्पेन से बेहतर थी. बेहतर तैयारी के साथ ये टीम जूनियर वर्ल्ड कप में उतरी थी. बेहतर शुरुआत टीम ने की थी. लेकिन मैदान पर बेहतर दिखना और हमलों को गोल में बदलना दो अलग बातें हैं. हमले खूब किए. लेकिन गोल मे बदलने में नाकामयाबी मिलती रही.
भारत को मैच में नौ पेनल्टी कॉर्नर मिले. टूर्नामेंट में पहले भी देखा गया है कि वे कई पेनल्टी कॉर्नर रोक पाने में नाकाम रहे. जिस पर गोल हुआ, उसमें भी पुश गलत था. ऐसा पूरे टूर्नामेंट में देखा जा रहा है. अब, जब आखिरी दो कदम खिताब की राह मे बचे हैं. इस तरह की गलती भारत को चैंपियन बनने से दूर रख सकती है. भारत को शुक्रवार को फाइनल खेलना है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये मुकाबला होगा, जिसने हॉलैंड को 2-1 से हराया.
भारत-स्पेन मैच पर नजर डालें, तो शुरुआत में भारत का दबदबा रहा. स्पेन ने 22वें मिनट मे मैच के एकमात्र पेनल्ट कॉर्नर पर बढ़त ली, जब पोल पारिया ने गोल किया. उसके बाद भारतीय टीम थोड़ा बिखरी दिखाई देने लगी. यकीनन हाफ टाइम पर कोच रोलंट ओल्टमंस और हरेंद्र सिंह ने टीम को समझाया होगा. उसका असर दूसरे हाफ मे दिखाई दिया.
दूसरे हाफ मे हमले बढ़ने लगे. लेकिन समस्या यही थी कि पेनल्टी कॉर्नर बरबाद हो रहे थे. 44वें मिनट में स्पैनिश गोलकीपर ने बेहतरीन बचाव किए. भारत ने दबाव और बढ़ाया. उसे दो पेनल्टी कॉर्नर मिले. 54वें मिनट में नीलकांत शर्मा ने मैदानी गोल का मौका गंवाया. भारत ने 57वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल मे बदला. उसके बाद 65वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर पर गोल हुआ.