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युवा खिलाड़ियों के साथ अनुभव बांटने का मुझे भी मिलेगा फायदा- पीआर श्रीजेश

घुटने की चोट के चलते पांच महीने से टीम से बाहर है गोलकीपर श्रीजेश, अब बेंगलुरू के सेटर में चल रहा है रिहेबलिटेशन

Bhasha Bhasha

भारतीय टीम के चोटिल हाकी खिलाड़ी पी आर श्रीजेश ने आज कहा कि युवाओं के साथ अनुभव साझा करने का फायदा उन्हें भी मिलेगा.

श्रीजेश घुटने में चोट के कारण पिछले पांच माह से टीम से बाहर चल रहे. चोट से पूरी तरह से उबरने के करीब श्रीजेश बेंगलुरू के साइ केंद्र में टीम के अपने साथियों के साथ जुड़ गए हैं जहां उनका रिहैबिलिटेशन जारी रहेगा.


इस वरिष्ठ खिलाड़ी ने कहा, ‘ मुझे लगता है कि मेरे लिये यह जरूरी है मैं युवाओं के साथ अपना अनुभव साझा करूं और उनके प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया दूं. इससे मुझे भी अपने खेल को निखारने का मौका मिलेगा क्योंकि मैं भी उन से कुछ सीख सकूंगा. जब मैं मैदान पर वापसी करुंगा तो मुझे पता होगा कि कहां सुधार करना है.’ श्रीजेश यहां राष्ट्रीय शिविर में युवा खिलाड़ियों की मदद कर रहे हैं. इसका फायदा खासकर आकाश चिक्ते और सूरज करकरे जैसे गोलकीपरों को ढाका में आगामी एशिया कप में होगा.

इस साल अजलान शाह कप में चोटिल होने के कारण वह लंदन में हुई विश्व हाकी लीग सेमीफाइनल में भी भाग नहीं ले सके. पिछले साल लंदन में हुई चैम्पियन्स ट्राफी में भारत को रजत पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाला 29 साल का यह खिलाड़ी साइ केन्द्र में आकर काफी उत्साहित है.

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय शिविर में आकर अच्छा लग रहा है और मैंने साथी खिलाड़ियों के साथ हल्का प्रशिक्षण शुरू किया है. जब आप टीम के साथ होते हैं तब आपको रोजाना कड़ी मेहनत करने के लिये प्रेरणा मिलती है और आप जल्दी मैदान पर वापसी करते हैं.’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि रोलेंट ओल्टमैंस की जगह लेने वाले नये कोच मारिन शोर्ड के नेतृत्व में टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी.

श्रीजेश ने कहा, ‘ नये कोच के जुड़ने के साथ टीम को नयी दिशा मिलेगी. हम अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने की कोशिश करेंगे और रैंकिंग में सुधार करेंगे, मैं आश्वस्त हूं कि मेरे साथ शिविर में सभी खिलाड़ी नये कोच के दिशा-निर्देश में अच्छे नतीजे देने के लिये कड़ी मेहनत करेंगे.