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रैंकिंग में शीर्ष पर होने से मिलता है आसान ड्रॉ: प्रणॉय

विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज एच.एस. प्रणॉय का मानना है कि रैंकिंग में शीर्ष खिलाड़ियों की श्रेणी में आने से काफी फायदा होता है

Bhasha

विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज बैडमिंटन खिलाड़ी एच.एस. प्रणॉय का मानना है कि रैंकिंग में शीर्ष खिलाड़ियों की श्रेणी में आने से उन्हें काफी फायदा होगा क्योंकि इससे टूर्नामेंट के शुरूआती दौर में बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ नहीं भिड़ना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि एक स्तर पर पहुंचने के बाद खिलाड़ियों का ध्यान बड़े टूर्नामेंट जीतने पर होता है.


प्रणॉय ने कहा, ‘एक मुकाम पाने के बाद आप रैंकिंग की जगह टूर्नामेंट जीतने के बारे में सोचते हैं. लेकिन यह काफी कुछ रैंकिंग पर निर्भर करता है।. अगर आपको बड़े टूर्नामेंटों में अच्छा ड्रॉ चाहिए तो आपको रैंकिंग में शीर्ष 10 में रहना होगा. जब ऐसा नहीं होता है तो आप पहले या दूसरे दौर में बड़े खिलाड़ी के खिलाफ खेलते हैं जिसमें आपका हौसला पस्त हो सकता है.’ इस साल पहली पर शीर्ष 10 रैंकिंग में पहुंचने वाले प्रणॉय प्रीमियर बैंडमिंटन लीग में पदार्पण कर रही अहमदाबाद स्मैश मास्टर्स टीम से जुड़ने के बाद बात कर रहे थे. यह लीग 23 दिसंबर से शुरू होगी.

उन्होंने कहा, ‘अगर आप शीर्ष आठ में हैं तो आप काफी भाग्यशाली है और आप अपनी जरूरत के हिसाब से किसी टूर्नामेंट को छोड़ सकते है और आपको ऐसा करना भी चाहिए. अपको बड़ा लक्ष्य बनाकर बड़े टूर्नामेंट के पर ध्यान और उसके मुताबिक अभ्यास करना चाहिए.’ रैंकिंग में देश के दूसरे बड़े पुरूष खिलाड़ी ने कहा, ‘मैंने हमेशा कहा कि रैंकिंग काफी जरूरी है लेकिन सब कुछ नहीं है. आपका ध्यान ऑल इंग्लैंड, विश्व चैंपियनशिप, ओलिंपिक और सुपर सीरीज फाइनल जैसे टूर्नामेंट जीतने पर होना चाहिए. आपको इन टूर्नामेंटों के दौरान सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करनी चाहिए.’ उन्होंने आने वाले सत्र के बारे में कहा कि शुरूआती मैचों में जीत से आत्मविश्वास बढ़ेगा.