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Hockey World Cup 2018: दिलीप टिर्की को है पूरी आस, भारतीय टीम रचेगी इतिहास

भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले महान डिफेंडर टिर्की ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम किसी भी टीम को हरा सकती है लेकिन उसे डिफेंस को भी मजबूत रखना होगा

Bhasha

आखिरी मिनटों में गोल गंवाने की कमजोरी से बचने के लिए डिफेंडरों को ‘पोजिशनिंग’ दुरूस्त रखने की सलाह देते हुए भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की ने कहा कि मौजूदा टीम 43 बरस बाद वर्ल्ड कप में मेडल जीतकर इतिहास रच सकती है.

मौजूदा विश्व कप में अभी तक अपराजेय भारतीय हॉकी टीम ने लीग चरण में शीर्ष पर रहकर क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई किया जहां उसका सामना दुनिया की चौथे नंबर की टीम नेदरलैंड्स से हो सकता है. नेदरलैंड्स को कनाडा से क्रॉसओवर मैच खेलना है.


कभी भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले महान डिफेंडर टिर्की ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम दुनिया की किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखती है लेकिन उसे आक्रामक हॉकी खेलने के साथ् अपने डिफेंस को भी मजबूत रखना होगा.

टिर्की ने भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा ,‘अभी तक हमने शानदार हॉकी खेली है और बेल्जियम जैसी मजबूत टीम के पूल में रहते सीधे क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई किया जो अच्छा संकेत है. हमने मैदानी गोल के साथ अहम मैचों में पेनल्टी कॉर्नर पर भी गोल किए हैं लिहाजा हर विभाग में प्रदर्शन विश्व स्तरीय रहा है.’

उन्होंने कहा कि कोच हरेंद्र सिंह की इस टीम की खूबी उसकी फिटनेस है जो उसे अतीत की टीमों से बेहतर करती है. उन्होंने कहा ,‘भारतीय टीम की फिटनेस काबिले तारीफ है. खिलाड़ियों की मूवमेंट, रनिंग और रिफ्लैक्सेस अच्छे हैं और इससे प्रदर्शन में काफी फर्क आया है.’

भारत के लिए सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके टिर्की ने कहा ,‘नेदरलैंड्स दुनिया की सबसे आक्रामक टीमों में से है लेकिन भारतीय टीम अब शीर्ष टीमों को हरा रही है. हमें बस आखिरी क्षणों में गोल गंवाने से बचना होगा जिसके लिए डिफेंडरों की पोजिशनिंग दुरूस्त रहनी जरूरी है. ऐसा करने पर विरोधी स्ट्राइकरों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनेगा और वे हमला करने से पहले सोचेंगे.’

यह पूछने पर कि टीम को नीदरलैंड के खिलाफ क्या टिप्स देंगे, उन्होंने कहा ,‘डच खिलाड़ियों को गोल करने के लिए जगह देने से बचना होगा. इसके अलावा गेंद पर नियंत्रण में भी उनसे बेहतर रहना होगा.’

उन्होंने हॉकी के गढ बने भुवनेश्वर के दर्शकों को भी इस प्रदर्शन का श्रेय देते हुए कहा, ‘भुवनेश्वर के दर्शक हॉकी के मुरीद है और भारतीय टीम के लिए तो उनका जोश टॉनिक का काम करता है. अब भारतीय टीम को चाहिए कि वे मेडल जीतकर उन्हें तोहफा दे और मुझे लगता है कि यह टीम 43 बरस बाद वर्ल्ड कप में मेडल जीतकर इतिहास रच सकती है. यह मौका उसे गंवाना नहीं चाहिए.’

ओडिशा पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष टिर्की ने टूर्नामेंट को ओडिशा पर्यटन के लिये वरदान बताते हुए कहा कि इससे विश्व पर्यटन के मानचित्र पर ओडिशा की अलग पहचान बनी है.

उन्होंने कहा, ‘खेल पर्यटन के जरिए यहां आ रहे पर्यटकों को ओडिशा के विभिन्न ऐतिहासिक और धार्मिक स्थानों को देखने और ओडिया संस्कृति को समझने का मौका मिल रहा है. इससे निश्चित तौर पर पर्यटन को बल मिलेगा.’